ताजा खबर
LIVE Weather News 14 June 2025: आज से बदल सकता है दिल्ली में मौसम का मिजाज, किन राज्यों में लू का अल...   ||    ‘खराब फ्यूल हो सकता है हादसे का कारण…’, Ahmedabad Plane Crash पर क्या बोले विशेषज्ञ   ||    LIVE आज की ताजा खबर, हिंदी न्यूज Aaj Ki Taaza Khabar, 14 जून 2025: अहमदाबाद पहुंचे पूर्व CM विजय रुप...   ||    अहमदाबाद प्लेन क्रैश पर आया एअर इंडिया के CEO का बयान, जांच को लेकर कही ये बात   ||    Ahmedabad Plane Crash LIVE Update: डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल देने आएंगे पूर्व सीएम रूपाणी के बेटे   ||    1 दो नहीं 7 बार सोनम-राज ने रची थी साजिश, पहले 2 प्लान हो जाते सफल तो ना जाती राजा की जान   ||    LIVE Israel Iran War Updates: ईरान के समर्थन में आया चीन, इजरायल के हवाई हमलों को बताया संप्रभुता को...   ||    लॉस एंजेलिस में बिगड़े हालात, अमेरिका ने 200 मरीन जवान किए तैनात   ||    Israel Iran War: इजरायल पर ईरान का मिसाइल अटैक, तेल अवीव-जेरुसलम और गोलान हाइट्स में बज रहे सायरन   ||    Israel Iran War: कितना खतरनाक ईरान का नतांज ऑटोमेटिक बेस, पाकिस्तान के किराना हिल्स का जिक्र क्यों?   ||   

Swami Vivekananda Jayanti 2024: स्वामी विवेकानंद को कैसे हुई धर्म और अध्यात्म के प्रति रुचि, पढ़ें स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार, जीवन को मिलेगी नई राह

Photo Source :

Posted On:Friday, January 12, 2024

स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। हर साल उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि स्वामी विवेकानन्द के आदर्श, विचार और कार्य युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। स्वामी विवेकानन्द के मानवतावादी विचार और कार्य कालजयी हैं, अपने आप में एक प्रकाशस्तंभ हैं। वे भारतीय संस्कृति एवं समसामयिक समस्याओं के समाधानकर्ता, अध्यात्म एवं विज्ञान के समन्वयकर्ता तथा विश्व को आध्यात्मिक चिंतन के साथ-साथ वेद एवं शास्त्रों का ज्ञान देने वाले युगपुरुष थे। स्वामी विवेकानन्द अपनी माटी और संस्कृति के प्रति पूर्णतः समर्पित थे। उन्होंने कम उम्र में ही गहन ज्ञान प्राप्त कर लिया था।

लेकिन आत्मज्ञान प्राप्त करने के साथ-साथ स्वामी विवेकानन्द ने कम उम्र में ही जीवन के गूढ़ रहस्यों को जान लिया, वे कम उम्र में ही त्याग की ओर आकर्षित हो गये और मात्र 25 वर्ष की उम्र में उन्होंने धर्म और वैराग्य का मार्ग चुना। लेकिन दुखद बात ये है कि उनकी मृत्यु भी कम उम्र में ही हो गई. स्वामी विवेकानन्द का निधन मात्र 39 वर्ष की आयु में हो गया। लेकिन उनकी प्रसिद्धि युगों-युगों तक जीवित रहेगी।

स्वामी विवेकानन्द 25 वर्ष की आयु में सन्यासी बन गये

स्वामी विवेकानन्द को धर्म और अध्यात्म से गहरा प्रेम था। महान संत और आध्यात्मिक गुरु रामकृष्ण परमहंस स्वामी विवेकानन्द के गुरु थे। स्वामी विवेकानन्द ईश्वर की खोज में थे और तभी उनकी मुलाकात रामकृष्ण परमहंस से हुई। दरअसल स्वामी विवेकानन्द के जीवन में एक समय ऐसा भी आया जब उनके पिता की मृत्यु के बाद उनके परिवार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। ऐसे में उन्होंने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस से भगवान से प्रार्थना करने को कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो जाए।

तब रामकृष्ण परमहंस ने कहा कि उन्हें अपनी समस्या स्वयं भगवान को बतानी चाहिए और उनके लिए प्रार्थना भी करनी चाहिए। अपने गुरु की सलाह पर स्वामी विवेकानन्द मंदिर गए और भगवान से ज्ञान और त्याग के लिए प्रार्थना की। इसी दिन से स्वामी विवेकानन्द की रुचि धर्म और अध्यात्म में हो गई और वे सन्यासी जीवन की ओर आकर्षित हो गये। इसके बाद, त्याग और साधुता उनके लिए सांसारिक चिंताओं से बचने का एक तरीका बन गया।

स्वामी विवेकानन्द ने हिंदू धर्म के बारे में कहा था कि इस धर्म का संदेश लोगों को अलग-अलग धर्मों और संप्रदायों में बांटने की बजाय पूरी मानवता को एक सूत्र में बांधना है। भगवान कृष्ण भी गीता में यही संदेश देते हैं कि, 'जो प्रकाश अलग-अलग चश्मे से हम तक पहुंचता है वह एक ही है।'

वेदांत और अध्यात्म पर शिकागो में दिया गया उपदेश

जब स्वामी विवेकानन्द को पता चला कि विश्व धर्म सम्मेलन अमेरिका के शिकागो में हो रहा है तो उन्होंने वहाँ जाने का निश्चय किया। कई कोशिशों के बाद विवेकानन्द विश्व धर्म परिषद में पहुंचे और भाषण दिया जो ऐतिहासिक बन गया। शिकागो में स्वामी विवेकानन्द ने वेदांत, धर्म और अध्यात्म के सिद्धांतों का प्रचार किया।

स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर चलिए जानते हैं उनके द्वारा दिए गए सफलता के कुछ खास मंत्र...


उठो और जागो और तब तक रुको नहीं
जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते

जो तुम सोचते हो, वो बन जाओगे
यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे
अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे

जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी

जब तक जीना, तब तक सीखना
अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है

संगति आप को ऊंचा उठा भी सकती है और यह आपको ऊंचाई से गिरा भी सकती है
इसलिए संगति अच्छे लोगों से करें

ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं
वो हम ही हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं
और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.