अहमदाबाद न्यूज डेस्क: भारत के पहले हाई-स्पीड मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर से जुड़ा एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। रेल मंत्रालय ने इस परियोजना में देरी के बावजूद, सिग्नलिंग सिस्टम के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। इसके तहत वंदे भारत ट्रेनों को 280 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से इस खंड पर चलाने की अनुमति दी जाएगी, जो पहले की योजनाओं से अलग है। पहले मंत्रालय ने दावा किया था कि शिंकानसेन बुलेट ट्रेनें 2026 तक शुरू हो जाएंगी, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि इन ट्रेनों का संचालन 2030 से पहले संभव नहीं होगा।
मंत्रालय ने पहले से तय किया था कि शिंकानसेन बुलेट ट्रेनें अगस्त 2026 तक सूरत-बिलिमोरा खंड पर शुरू हो जाएंगी, लेकिन अब यह समयसीमा आगे बढ़कर 2033 तक चली गई है। पिछले सप्ताह एनएचआरएससीएल ने वंदे भारत ट्रेनों के संचालन के लिए सिग्नलिंग सिस्टम की निविदा जारी की है, जिसमें यूरोपीय ट्रेन नियंत्रण प्रणाली (ETCS) का उपयोग किया जाएगा। यह सिग्नलिंग प्रणाली जापान के शिंकानसेन ट्रेनों से अलग होगी, जो इस परियोजना के विकास में और देरी का कारण बन सकती है।
सिग्नलिंग और ट्रेन नियंत्रण प्रणाली का निर्माण, आपूर्ति और स्थापना करने के लिए सात साल का अनुबंध निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, वंदे भारत ट्रेनों के संचालन की योजना 2027 में शुरू होने की संभावना है, जबकि शिंकानसेन ट्रेनें 2030 तक ही चालू हो पाएंगी। इस दौरान वंदे भारत ट्रेनों को एक अस्थायी समाधान के रूप में पेश किया जाएगा, जो यात्रियों की आवश्यकताओं को पूरा करेगी।
रेल मंत्रालय और एनएचआरएससीएल ने इस परियोजना के लिए कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि 2030 तक इस परियोजना में जापानी बुलेट ट्रेनों की उम्मीद की जा रही है। वंदे भारत ट्रेनें एक अंतरिम व्यवस्था के रूप में कार्य करेंगी, और जैसे-जैसे शिंकानसेन ट्रेनें उपलब्ध होंगी, उनका संचालन शुरू किया जाएगा।