अहमदाबाद न्यूज डेस्क: भारतीय रेलवे जल्द ही यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा के लिए तेज़, आरामदायक और आधुनिक सुविधाओं से लैस वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का अनुभव देने के लिए तैयार है। हाल ही में इस ट्रेन के पहले 16-कार सेट ने मुंबई-अहमदाबाद खंड पर 540 किलोमीटर की परीक्षण यात्रा सफलतापूर्वक पूरी की। अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) ने 15 जनवरी को इस ट्रेन का परीक्षण किया था, जबकि इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने 17 दिसंबर 2024 को भारत की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का निर्माण पूरा किया था। अब इस ट्रेन को पूरी तरह से चालू करने से पहले रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा अंतिम सुरक्षा मूल्यांकन किया जाएगा।
ट्रेन के व्यापक परीक्षणों के तहत, RDSO द्वारा इसका गहन विश्लेषण किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह सुरक्षा और प्रदर्शन के उच्चतम मानकों को पूरा करती है। प्रारंभिक परीक्षण के सफल होने के बाद इसे कोटा डिवीजन ले जाया गया, जहां जनवरी में तीन दिनों तक 30 से 40 किलोमीटर की छोटी दूरी की सफल जांच की गई। इस दौरान ट्रेन ने 180 किमी प्रति घंटे की गति पर भी बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिससे रेलवे के आधुनिकीकरण को बड़ा समर्थन मिला।
इन परीक्षणों की सफलता के बाद भारतीय रेलवे बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू करने की तैयारी में है। अप्रैल से दिसंबर 2025 के बीच नौ और वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट तैयार किए जाने की योजना है। इसके अलावा, रेलवे ने 17 दिसंबर 2024 को 24-कार वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट के 50 रेक के लिए प्रोपल्शन इलेक्ट्रिक्स का ऑर्डर दे दिया है। यह ऑर्डर दो प्रमुख भारतीय कंपनियों को दिया गया है, जिनमें से मेसर्स मेधा 33 रेक के लिए प्रोपल्शन सिस्टम की आपूर्ति करेगी।
रेलवे इस पूरी परियोजना को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आगे बढ़ा रहा है, जिसमें 24-कार वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट का बड़े पैमाने पर उत्पादन 2026-27 तक शुरू होने की उम्मीद है। यह आधुनिक ट्रेनें यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव देने के साथ-साथ भारत को रेलवे तकनीक के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर ले जाएंगी। इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से भारतीय रेलवे की गति, सुविधा और तकनीकी दक्षता में बड़ा बदलाव आएगा, जिससे यात्रियों को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा।