अहमदाबाद न्यूज डेस्क: अहमदाबाद पुलिस की डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच (DCB) ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) घोटाले से जुड़े मामले में 5,670 पन्नों की चार्जशीट दायर की है। यह चार्जशीट तीन अलग-अलग एफआईआर में से एक के तहत दाखिल की गई, जिसमें ख्याति मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के मालिकों और कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। अस्पताल की लापरवाही के चलते मेहसाणा जिले के बोरिसना गांव के दो लाभार्थियों—महेश गिर्धर बारोट (52) और नागर मोती सेनमा (75)—की 11 नवंबर 2024 को मौत हो गई। जांच में पाया गया कि दोनों मरीजों की एंजियोप्लास्टी गैर-जरूरी थी और अस्पताल ने सर्जरी कर सरकारी योजना का दुरुपयोग किया।
यह तीनों एफआईआर अहमदाबाद के वस्त्रापुर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थीं, क्योंकि अस्पताल वहीं स्थित है। बाद में, 18 नवंबर 2024 को जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई। चार्जशीट शुक्रवार को अहमदाबाद ग्रामीण न्यायालय में चौथे अतिरिक्त सिविल और प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत की गई। इसमें नौ आरोपियों में से आठ के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। अहमदाबाद बैरिएट्रिक्स एंड कॉस्मेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष कार्तिक जसु पटेल का नाम इसमें शामिल नहीं किया गया, क्योंकि उन्हें 18 जनवरी 2025 को गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ बाद में पूरक चार्जशीट दायर की जाएगी।
तीन एफआईआर में से एक राज्य सरकार की चिकित्सा विशेषज्ञ समिति के सदस्य द्वारा दर्ज कराई गई थी, जबकि अन्य दो मृतकों के परिवारों की ओर से दायर की गई थीं। शुक्रवार को दाखिल की गई चार्जशीट राज्य सरकार की एफआईआर से संबंधित है, जिसमें अस्पताल प्रशासन पर मेडिकल रिकॉर्ड्स में हेराफेरी कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे हैं। पुलिस यह तय कर रही है कि बाकी दो मामलों की अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की जाए या सभी मामलों को एक साथ रखा जाए।
इसके अलावा, 17 अन्य मरीजों, जिनकी गैर-जरूरी सर्जरी की गई थी, ने पुलिस में अतिरिक्त एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने न्याय के लिए गुजरात हाईकोर्ट का भी रुख किया है, लेकिन अब तक पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है। घोटाले को लेकर राज्य सरकार और न्यायपालिका की सख्त नजर बनी हुई है, और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।