अहमदाबाद न्यूज डेस्क: गुजरात हाई कोर्ट ने नारायण साईं को अपने बीमार पिता आसाराम से मिलने की अनुमति दे दी है, जो जोधपुर जेल में बंद हैं। नारायण साईं ने आसाराम की वृद्धावस्था और खराब स्वास्थ्य को देखते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी।
नारायण साईं पर बलात्कार का मामला चल रहा है और उन्हें सूरत के लाजपोल सेंट्रल जेल में पिछले 11 साल से सजा काट रहे हैं। उनके वकील ने कोर्ट में कहा कि आसाराम की हालत स्थिर नहीं है और उन्हें जोधपुर के एक निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कोर्ट ने नारायण साईं को 30 दिनों की अस्थायी जमानत देने की याचिका पर विचार किया और आसाराम के डिस्चार्ज पेपर रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया। नारायण साईं के वकील ने कहा कि वह पुलिस एस्कॉर्ट के साथ अपने पिता से मिलना चाहते हैं और इसके लिए उन्हें 2-3 दिन का समय चाहिए।
गुजरात हाई कोर्ट की डबल बेंच ने नारायण साईं को अपने बीमार पिता आसाराम से जोधपुर जेल में मिलने की अनुमति दे दी है। नारायण साईं को 4 घंटे की मुलाकात की मंजूरी दी गई है, लेकिन इसके लिए कई शर्तें लगाई गई हैं।
मुलाकात का समय और तारीख सरकार तय करेगी। नारायण साईं को हवाई जहाज से जोधपुर ले जाया जाएगा, ताकि उनके अनुयायियों की भीड़ न इकट्ठा हो। इसके अलावा, उन्हें 5 लाख रुपये का खर्च पुलिस के पास जमा करना होगा।
नारायण साईं ने 30 दिनों की जमानत मांगी थी, बताते हुए कि उनके पिता आसाराम वृद्धावस्था में कई बीमारियों से ग्रस्त हैं और जोधपुर जेल में बंद हैं। पिछले 11 साल से पुत्र और पिता के बीच मुलाकात नहीं हुई है।
नारायण साईं को अपने बीमार पिता आसाराम से जोधपुर जेल में मिलने की अनुमति मिली है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। उन्हें 4 घंटे की मुलाकात की अनुमति है, जिसका समय और दिन सरकार तय करेगी। नारायण साईं को फ्लाइट से सूरत से जोधपुर जेल जाना होगा, जिसका खर्च उन्हें उठाना होगा। इसके लिए उन्हें 5 लाख रुपये सरकारी खजाने में जमा करना होगा।
मुलाकात के दौरान केवल पिता-पुत्र ही मौजूद रह सकते हैं। इसके अलावा, नारायण साईं के साथ एक एसीपी, एक पीआई, 2 हेड कांस्टेबल और 2 कांस्टेबल भी जाएंगे। नारायण साईं को 7 दिन के अंदर निर्धारित राशि जमा करनी होगी, इसके बाद उन्हें जेल ऑथरिटी से ऑर्डर की कॉपी मिलेगी।