अहमदाबाद न्यूज डेस्क: अहमदाबाद में 12 जून को हुई एयर इंडिया फ्लाइट 171 की दुर्घटना के मामले में नया मोड़ आया है। एनजीओ सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस हादसे से जुड़े सभी तथ्यों को सार्वजनिक करने और स्वतंत्र जांच की मांग की है। संगठन ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट में कई खामियां हैं और यह एयरक्राफ्ट (इन्वेस्टिगेशन ऑफ एक्सीडेंट्स एंड इंसिडेंट्स) रूल्स, 2017 का उल्लंघन करती है।
याचिका में कहा गया है कि डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) का पूरा डेटा, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) की पूरी ट्रांसक्रिप्ट और विमान से संबंधित सभी तकनीकी संदेश सार्वजनिक किए जाएं। संगठन ने यह भी सवाल उठाया कि प्रारंभिक रिपोर्ट में पायलट्स को दोषी ठहराया गया जबकि तकनीकी खामियों और सिस्टम की कमियों की जांच सही ढंग से नहीं की गई। रिपोर्ट में बताया गया कि टेकऑफ के बाद फ्यूल स्विच बंद होने पर पायलट्स के बीच बातचीत का छोटा हिस्सा सामने आया, जिससे कई मीडिया रिपोर्ट्स ने पायलट्स को जिम्मेदार ठहराया।
याचिकाकर्ता ने जांच की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाया है। हादसे की जांच टीम के पांच में से तीन सदस्य DGCA के हैं, जो खुद विमान की प्रमाणन और संचालन की देखरेख करता है। संगठन ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि एक स्वतंत्र और योग्य जांचकर्ता की निगरानी में जांच की जाए, ताकि किसी हित संघर्ष या पक्षपात से बचा जा सके।
यह याचिका संगठन के संस्थापक अमित सिंह ने दायर की है, जो अनुभवी पायलट हैं और बोइंग 777 और एयरबस 320 पर 17,000 घंटे से ज्यादा उड़ान भर चुके हैं। उनके वकील प्रणव सचदेवा के जरिए कहा गया कि DGCA ने हादसे का दोष पायलट्स पर डालकर संवैधानिक अधिकारों (अनुच्छेद 21 और 14) का उल्लंघन किया है।