अहमदाबाद न्यूज डेस्क: इंदौर में एक नया अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनाने की योजना पर काम चल रहा है, लेकिन जमीन की कीमत को लेकर मामला अटक गया है। एमपीसीए (मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन) सुपर कॉरिडोर पर खेल के लिए आरक्षित 20 एकड़ जमीन चाहता है, लेकिन इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) ने इसकी कीमत 200 करोड़ रुपये तय की है। दूसरी ओर, एमपीसीए सिर्फ 70 करोड़ रुपये देने को तैयार है। आईडीए ने साफ कर दिया है कि इतनी कम कीमत पर सौदा संभव नहीं है, क्योंकि इसी जमीन के लिए पहले भी 200 करोड़ रुपये के टेंडर जारी हो चुके हैं।
एमपीसीए इंदौर में एक बड़ा स्टेडियम बनाना चाहता है ताकि अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम की तर्ज पर यहां भी बड़े अंतरराष्ट्रीय मैच आयोजित किए जा सकें। मौजूदा उषा राजे होलकर स्टेडियम आकार में छोटा है, जिससे बड़े मुकाबले कम मिलते हैं। एमपीसीए ने आईडीए से सुपर कॉरिडोर स्थित 20 एकड़ जमीन लीज पर देने की मांग की थी, लेकिन जब कीमत को लेकर सहमति नहीं बनी, तो अब एमपीसीए निजी जमीन की तलाश कर रहा है। वह ऐसी जमीन देख रहा है जो शहर से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर हो और मुख्य सड़क से अच्छी तरह जुड़ी हो, ताकि दर्शकों को आने-जाने में परेशानी न हो।
इस पूरे विवाद का हल अब सरकार के हाथ में है। जैसा कि पहले आईडीए ने आईटी कंपनियों टीसीएस और इंफोसिस को रियायती दरों पर जमीन उपलब्ध कराई थी, वैसा ही कोई फॉर्मूला एमपीसीए के लिए भी अपनाया जा सकता है। सरकार चाहे तो सुपर कॉरिडोर की जमीन लेकर एमपीसीए को शर्तों के साथ दे सकती है और बदले में आईडीए को दूसरी जमीन आवंटित कर सकती है। इससे दोनों पक्षों को संतुष्टि मिल सकती है और स्टेडियम का निर्माण भी तेजी से शुरू हो सकता है।
आईडीए के लिए यह फैसला लेना आसान नहीं है, क्योंकि उसने इस जमीन के लिए पहले 200 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया था। अगर अब वह 130 करोड़ रुपये कम कीमत पर इसे एमपीसीए को देता है, तो विवाद खड़ा हो सकता है। आईडीए के अधिकारी किसी भी तरह के कानूनी या प्रशासनिक पचड़े में नहीं फंसना चाहते, इसलिए वे इस सौदे को लेकर सतर्क हैं। फिलहाल, यह देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या रुख अपनाती है और इंदौर को नया अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम कब तक मिल पाता है।