अहमदाबाद न्यूज डेस्क: चंडीगढ़ में अगले साल से नगर निगम के मेयर का चुनाव पार्षदों द्वारा हाथ उठाकर किया जाएगा। अब तक यह चुनाव गुप्त मतदान के जरिए होता था, जिससे क्रॉस वोटिंग की संभावना बनी रहती थी। चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने इस बदलाव को मंजूरी दे दी है, जिससे चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि इस फैसले से जोड़-तोड़ की राजनीति पर रोक लगेगी और पार्षदों के बीच स्पष्टता बनी रहेगी।
इस बदलाव को लागू करने से पहले चंडीगढ़ प्रशासन जून 2025 में जनता से इस पर सुझाव और आपत्तियां मांगेगा। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी कर इसे अमल में लाया जाएगा। प्रशासक पहले से ही इस बदलाव के समर्थन में थे, लेकिन अधिकारियों का कहना था कि इसे तुरंत लागू करना व्यावहारिक रूप से मुश्किल होगा। संभावना है कि यह नई प्रणाली 2026 में होने वाले मेयर चुनाव से प्रभावी हो जाएगी।
इस साल के मेयर चुनाव में क्रॉस वोटिंग के चलते भाजपा की हरप्रीत कौर विजयी रहीं, जिससे यह मुद्दा फिर से चर्चा में आया। पहले भी कई बार क्रॉस वोटिंग की वजह से विवाद होते रहे हैं, इसी को रोकने के लिए नगर निगम सदन में हाथ उठाकर मतदान करने का प्रस्ताव पास किया गया था। अब इस प्रस्ताव को प्रशासन की मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
चंडीगढ़ नगर निगम में पंजाब म्युनिसिपल एक्ट लागू होता है, जिसके तहत दल-बदल विरोधी कानून का प्रस्ताव कई साल पहले पास कर केंद्र को भेजा गया था। हालांकि, अब तक इसे मंजूरी नहीं मिली है, जिस कारण पिछले तीन वर्षों में कई पार्षद पार्टी बदल चुके हैं। इस साल जनवरी में आम आदमी पार्टी के पूर्व मेयर कुलदीप कुमार ने निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन अदालत ने अंतिम निर्णय प्रशासन के ऊपर छोड़ दिया था।