अहमदाबाद न्यूज डेस्क: गुजरात के अहमदाबाद में एक कारोबारी की हत्या की कथित साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किए गए तांत्रिक की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। तांत्रिक को 3 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था जब वह एक अपराध को अंजाम देने की कोशिश कर रहा था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी ने अपनी पूछताछ में कबूल किया था कि उसने सोडियम नाइट्राइट नामक जहरीले पदार्थ से 12 लोगों की हत्या की थी। पुलिस ने यह कार्रवाई तांत्रिक के टैक्सी व्यवसाय के साझेदार की सूचना के आधार पर की थी।
पुलिस ने आरोपी की गुप्त गतिविधियों और नरबलि में उसकी संभावित संलिप्तता की जांच करने के लिए उसे रिमांड पर लिया था। 10 दिसंबर को तांत्रिक की तबीयत अचानक खराब हो गई और उसे सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस के अनुसार, तांत्रिक ने अपनी पूछताछ में कबूल किया था कि उसने गुप्त अनुष्ठानों के दौरान 12 हत्याएं कीं, और ये सभी हत्याएं सोडियम नाइट्राइट पीने से हुई थीं।
डीसीपी शिवम वर्मा ने बताया कि आरोपी ने अहमदाबाद, सुरेन्द्रनगर, राजकोट, वांकानेर और अंजार में की गई हत्याओं का खुलासा किया। उसने कहा कि उसने सुरेन्द्रनगर में अपने परिवार के तीन सदस्य समेत छह लोगों की हत्या की थी, और राजकोट और मोरबी में भी कई लोगों को अपनी गतिविधियों का शिकार बनाया। विशेष रूप से, उसने अहमदाबाद में एक व्यक्ति की हत्या का भी कबूल किया था, जिसकी लाश अगस्त 2021 में मिली थी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर से मौत की पुष्टि हुई थी।
इसके अलावा, पुलिस ने यह भी पता लगाया कि आरोपी ने अपनी दादी, मां और चाचा को भी 14 साल पहले और एक साल पहले इसी तरीके से मार डाला था। चावडा ने सुरेन्द्रनगर के एक प्रयोगशाला से सोडियम नाइट्राइट खरीदी थी, जो आमतौर पर ड्राई क्लीनिंग में इस्तेमाल होता है। पुलिस ने बताया कि यह रसायन खाने से दिल का दौरा पड़ने से मौत हो जाती है।
आरोपी चावडा खुद को 'भुवाजी' कहता था और दावा करता था कि उसके पास जादू और चमत्कार करने की शक्तियां हैं। पुलिस के अनुसार, सुरेन्द्रनगर के वधवान में उसका एक आश्रम भी था, जहां वह काला जादू करता था। वह पीड़ितों से संपत्ति बढ़ाने या उनकी समस्याओं को हल करने का वादा करता था। पुलिस ने उसके वाहन से महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद किए हैं, जिनमें अनुष्ठानों में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं और सफेद चूर्ण शामिल हैं।
सोडियम नाइट्राइट के सेवन से मौत की प्रक्रिया लगभग 15 से 20 मिनट के अंदर शुरू हो जाती थी, जिसके बाद दिल का दौरा पड़ता था। कई पीड़ितों की मौत इसी वजह से हुई, जबकि कुछ मौतों की जांच अभी भी जारी है। तांत्रिक ने यह जहर पीड़ितों को पानी में घोलकर दिया था, और इसका असर कुछ मिनटों में दिखता था, जिससे उनके शरीर पर अत्यधिक दबाव पड़ता था।
इस घटना ने पुलिस और स्थानीय समुदाय के बीच सुरक्षा और जांच की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस अब तांत्रिक के साथ जुड़े अन्य लोगों और घटनाओं की गहन जांच कर रही है।