ताजा खबर
पाकिस्तान में रेड अलर्ट, जल-थल से हवा तक मुनीर की सेना एक्टिव; क्या भारत से है कनेक्शन?   ||    'तुम लोग सिख नहीं हो...', गुरु नानक जयंती पर पाकिस्तान ने 14 हिंदुओं को वापस भेजा   ||    संपत्ति हड़पने वाले माफिया का UP में होगा बुरा हश्र, यूपी असीमित संभावनाओं वाला राज्य : योगी आदित्यन...   ||    Bihar Election 2025 : हर बूथ पर सशस्त्र बल, सभी सीमाएं सील, साढ़े चार लाख सुरक्षाकर्मी तैनात   ||    कौन हैं वर्जीनिया की नई उपराज्यपाल गजाला हाशमी, पढ़ें हैदराबाद से क्या है कनेक्शन   ||    बांग्लादेश में चुनावी शंखनाद, पूर्व पीएम खालिदा जिया की BNP ने 237 सीटों पर उतारे उम्मीदवार   ||    'मैं सदमे में था... पूरा राज्य हमसे छीन लिया गया', राहुल गांधी ने फिर लगाए वोट चोरी के आरोप   ||    'हरियाणा की वोटर लिस्ट में ब्राजील की मॉडल का नाम कैसे', राहुल गांधी के 'H बम' पर क्या बोला चुनाव आय...   ||    फैक्ट चेक: बीजेपी उम्मीदवार को जूतों की माला पहनाए जाने का ये वीडियो बिहार का नहीं है   ||    4 लाख रुपये किलो केसर, ₹5 वाली सुपारी की पुड़िया में कैसे? एड पर सलमान को नोटिस, विज्ञापन से कितना क...   ||   

बनारसी साड़ी का इतिहास |

Photo Source :

Posted On:Thursday, April 22, 2021

साड़ी भारतीय महिलाओं के लिए राष्ट्रीय पोशाक है और यह महिलाओं के जीवन का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। पुरे देश में अलग अलग तरह की सरिया है | पर भारतीय महिलाओ के मन में बसी है बनारसी साड़ी |

बनारसी साड़ी उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बनाई जाती है। वे भारत की बेहतरीन पारंपरिक साड़ियों में से एक हैं और इसकी समृद्ध कढ़ाई के कारण बहुत भारी है जो उन्हें पार्टियों , त्योहारों और शादियों के लिए आदर्श बनाती है। यह साड़ी पारंपरिक रूप से चार प्रकारों में बनाई जाती है जैसे कि ऑर्गना (कोरा) .जॉर्जेट साड़ी, शतीर साड़ी और शुद्ध रेशम (कटन) | बनारसी साड़ी की कई किस्में हैं ऑर्गेंजा सॉटिन बॉर्डर्स, जांगला, ब्रोकेस टैन्चोकी, कटवर्क और रेशम बटीदार जिसमें जानवरों ,पक्षियों, फूलों ,फलों मानव आकृतियों और जियोमेट्रिक पैटर्न के दिलचस्प डिजाइन होते है |

बनारसी साड़ियों को मूल रूप से शाही परिवार के लिए असली सोने और चांदी से बने धागों से सजाया गया था।

भारतीय साड़ियों का इतिहास १००० से ३०० B.C रामायण की हिंदू पौराणिक कथाओं से मिलता है। बनारसी रेशम को मुगल साम्राज्य द्वारा अपनी जटिल बुनाई और शिल्प कौशल के साथ भारत में पेश किया गया था। बनारसी रेशम में आज दो अलग-अलग संस्कृतियों मुगलों और भारतीय का मिश्रण है। पुराने दिनों में इस साड़ी के लिए रेशम चीन से आया करता था ,आजकल भारत के दक्षिणी भागों से रेशम को सींचा जाता है।

भारतीय साड़ियों को पारंपरिक दुल्हन और डिजाइनर खंड दो व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया गया है। बनारसी साड़ी दुल्हन साड़ी हैं जो अपने विभिन्न बनावट, रंगों और डिजाइनों के कारण बहुत लोकप्रिय हैं।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.