सऊदी अरब सरकार ने हज और उमराह के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक अहम और बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत सऊदी प्रशासन ने भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मिस्र, इंडोनेशिया सहित कुल 14 देशों के नागरिकों के लिए वीजा जारी करने पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है। यह रोक हज यात्रा पूरी होने तक, यानी जून महीने के मध्य तक लागू रहेगी।
वीज़ा बैन के पीछे सुरक्षा और अवैध ठहराव की चिंता
सऊदी अधिकारियों का कहना है कि यह कदम यात्रियों की सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण और अवैध प्रवेश को रोकने के लिए उठाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ लोग हज या उमराह वीजा लेकर देश में दाखिल हो जाते हैं और निर्धारित अवधि के बाद भी वहाँ अवैध रूप से रहते हैं। इस वजह से सऊदी सरकार को आंतरिक सुरक्षा पर बड़ा खतरा महसूस हुआ।
प्रवेश पर लगाई गई इस अस्थायी रोक के तहत न केवल हज और उमराह वीजा, बल्कि बिजनेस ट्रिप और फैमिली विज़िट वीजा भी शामिल हैं।
कौन-कौन से देश वीजा बैन की सूची में शामिल हैं?
सऊदी अरब ने जिन 14 देशों के नागरिकों पर अस्थायी वीजा रोक लगाई है, उनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित देश शामिल हैं:
हज यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
सऊदी अरब ने घोषणा की है कि इस वर्ष से हज और उमराह यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर यात्री के दस्तावेज प्रमाणित हों और उसकी पूरी गतिविधि डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से ट्रैक की जा सके।
रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 13 अप्रैल 2025 निर्धारित की गई है। इसके बाद कोई भी नया हज वीजा जारी नहीं किया जाएगा, और अपंजीकृत यात्रियों को हज में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
डिजिटल गाइड और 16 भाषाओं में सुविधा
हज और उमराह यात्रियों को बेहतर सहायता देने के लिए सऊदी पर्यटन मंत्रालय ने एक डिजिटल गाइड लॉन्च किया है जो 16 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में उपलब्ध है। इस गाइड में हज यात्रा के दौरान जरूरी निर्देश, धार्मिक गतिविधियों की जानकारी, मेडिकल सुविधा, और आपातकालीन संपर्क शामिल हैं।
यह पहल विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए लाभकारी है जो पहली बार हज कर रहे हैं या जिन्हें स्थानीय भाषा की जानकारी नहीं है।
2024 में हज के दौरान 1000 लोगों की गई थी जान
सऊदी सरकार का यह निर्णय पिछले वर्ष हज के दौरान हुई दुखद घटनाओं से भी प्रेरित है। 2024 में हज के दौरान गर्मी और भीड़ की वजह से 1000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई थी। इससे सरकार की साख पर भी असर पड़ा था, और सवाल उठने लगे थे कि इतने बड़े पैमाने पर तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या ठोस कदम उठाए गए हैं।
इस बार, वीजा प्रतिबंध और डिजिटल गाइडलाइन के माध्यम से सरकार ने तीर्थयात्रा को नियंत्रित और सुरक्षित बनाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं।
नियम तोड़ने पर हो सकता है 5 साल का प्रतिबंध
सऊदी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जो कोई भी इन नए नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया गया — जैसे कि फर्जी दस्तावेज़, वीजा की समय-सीमा से अधिक रुकना, या रजिस्ट्रेशन के बिना यात्रा करना — उस पर कम से कम 5 साल तक सऊदी अरब में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
यह चेतावनी विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो पिछले वर्षों में हज वीजा लेकर सऊदी अरब में रह गए थे और बाद में अवैध रूप से कार्य करने लगे थे।
भारत और पाकिस्तान में तीर्थयात्रियों में असमंजस की स्थिति
भारत और पाकिस्तान जैसे देशों में, जहाँ से हज यात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग जाते हैं, वहाँ इस फैसले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। बहुत से तीर्थयात्री पहले से ही तैयारियों में जुटे थे, लेकिन अब वे वीज़ा बैन और 13 अप्रैल की डेडलाइन को लेकर असमंजस में हैं।
भारत सरकार और सऊदी दूतावास के बीच इस विषय में लगातार संवाद जारी है। संभावना जताई जा रही है कि जो लोग पहले से आवेदन कर चुके हैं और दस्तावेज़ पूरे हैं, उन्हें वीजा जारी किया जा सकता है। लेकिन अंतिम निर्णय सऊदी अथॉरिटी के विवेक पर निर्भर करेगा।
आगे की रणनीति और संभावित राहत
सऊदी प्रशासन आने वाले हफ्तों में स्थिति की समीक्षा कर सकता है। यदि हज के दौरान व्यवस्था सुचारू रहती है और कोई बड़ा सुरक्षा उल्लंघन सामने नहीं आता, तो प्रतिबंध जून के बाद हटाया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त, संभावना है कि वीजा बैन की अवधि के दौरान कुछ विशेष श्रेणियों (जैसे बुजुर्ग, गंभीर रूप से बीमार, या महिलाएं) के लिए छूट दी जा सकती है, लेकिन इसके लिए अतिरिक्त डॉक्यूमेंटेशन और सत्यापन अनिवार्य होगा।
निष्कर्ष
सऊदी अरब का यह निर्णय कठोर जरूर लग सकता है, लेकिन इसे सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के नजरिए से एक विवेकपूर्ण कदम के रूप में देखा जा सकता है। हर साल लाखों तीर्थयात्री हज यात्रा पर जाते हैं, और इतने बड़े आयोजन को सफलतापूर्वक आयोजित करना अपने आप में एक चुनौती है।
यदि इन नियमों का पालन ईमानदारी से किया जाए, तो यह न केवल तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि भविष्य में अवैध गतिविधियों को भी रोकेगा। यह ज़रूरी है कि सभी देश और यात्री इन दिशा-निर्देशों का सम्मान करें ताकि हज जैसे पवित्र आयोजन को शांति और गरिमा के साथ संपन्न किया जा सके।