टेक्नोलॉजी दिग्गज Google अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन Pixel के लिए अब भारत को नया मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। खबर है कि कंपनी वियतनाम से भारत में कंपोनेंट ट्रांसफर करने की योजना पर काम कर रही है। इस बदलाव के पीछे अमेरिका द्वारा आयात पर लगाए गए भारी टैरिफ और बढ़ते जियो-पॉलिटिकल रिस्क मुख्य कारण हैं।
अमेरिका के टैरिफ का असर
Google का यह निर्णय अमेरिका द्वारा वियतनाम से आयातित वस्तुओं पर लगाए गए टैरिफ के बाद सामने आया है। बता दें कि चीन से आयातित स्मार्टफोन कंपोनेंट्स पर 145% और वियतनाम से 46% तक टैरिफ लगाया गया है। 2019 में भी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण Google ने Pixel निर्माण को चीन से वियतनाम में शिफ्ट किया था। अब जब ट्रंप एक बार फिर राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं और टैरिफ की वापसी की आशंका है, तो Google ने भारत को विकल्प के रूप में चुना है।
भारत में Pixel निर्माण का विस्तार
Google पहले से ही भारतीय बाजार के लिए हर महीने 43,000 से 45,000 Pixel फोन का निर्माण भारत में कर रहा है। यह निर्माण लोकल कंजम्पशन के लिए है, लेकिन अब कंपनी अमेरिका के लिए बनाए जाने वाले Pixel मॉडल्स के लिए भी भारत में कंपोनेंट असेंबली और निर्माण पर विचार कर रही है।
Foxconn और Dixon टेक्नोलॉजी से बातचीत
जानकारी के अनुसार, Google ने अपने भारतीय मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर्स Foxconn और Dixon टेक्नोलॉजी के साथ इस प्लान को लेकर चर्चा शुरू कर दी है। Google का उद्देश्य केवल उत्पादन स्थान बदलना नहीं है, बल्कि कंपोनेंट लेवल पर भी भारत में स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देना है।
कंपनी का फोकस खासतौर पर बैटरी, चार्जर, फिंगरप्रिंट सेंसर और फोन के एनक्लोजर जैसे पार्ट्स को भारत में ही बनवाने पर है। फिलहाल इनमें से कई पार्ट्स चीन से आयात किए जाते हैं।
Pixel लाइन का बढ़ता वैश्विक प्रभाव
Google Pixel अब सैमसंग और एप्पल के बाद दुनिया की सबसे लोकप्रिय स्मार्टफोन ब्रांड्स में शुमार होता जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में Google ने हार्डवेयर सेक्टर में अपनी पकड़ को मजबूत किया है और Pixel डिवाइसेज की मांग लगातार बढ़ रही है। इसी के चलते कंपनी अब ग्लोबल सप्लाई चेन में विविधता लाने और जोखिम को कम करने की रणनीति अपना रही है।
जल्द शुरू हो सकता है प्रोडक्शन
Google ने संकेत दिया है कि भारत में Pixel का निर्माण कार्य बहुत जल्द तेज़ी से शुरू किया जाएगा। इससे न सिर्फ भारत की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि “Make in India” अभियान को भी एक नई दिशा मिलेगी।
कंपनी का यह कदम भारत को मोबाइल निर्माण का ग्लोबल हब बनाने की दिशा में एक और बड़ी छलांग साबित हो सकता है।
निष्कर्ष
Google का भारत की ओर रुख एक बड़ा संकेत है कि कैसे वैश्विक कंपनियां अब भारत को अपने लॉन्ग-टर्म मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर के रूप में देख रही हैं। भारी टैरिफ और अनिश्चित अंतरराष्ट्रीय हालात के बीच भारत एक विश्वसनीय और मजबूत विकल्प बनकर उभरा है।
Pixel फोन अब “भारत में बना, दुनिया भर में इस्तेमाल” हो सकता है।