अहमदाबाद न्यूज डेस्क: अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीय नागरिकों को बुधवार (5 फरवरी) को देश से वापस भेज दिया गया। इनमें से 33 लोग गुजरात के हैं, जो गुरुवार को अहमदाबाद पहुंचे। हालांकि, इनसे कोई पूछताछ नहीं की गई। इनमें उत्तर गुजरात के 28, मध्य गुजरात के 4 और दक्षिण गुजरात का 1 व्यक्ति शामिल है। वडोदरा के लूणा गांव की खुशबू जब अपने घर पहुंची तो उनके पिता भावुक हो गए और बोले, "अब मेरी बेटी को मुझसे दूर मत जाने दो।"
अहमदाबाद के ACP आर.डी. ओजा ने बताया कि अमृतसर से फ्लाइट के जरिए आए 33 लोगों को उनके जिलों की पुलिस के साथ उनके घर भेज दिया गया और अभी उनसे कोई पूछताछ नहीं की गई। इन सभी प्रवासियों को अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 ग्लोबमास्टर के जरिए अमृतसर लाया गया था, जिसमें 104 भारतीयों के साथ 45 अमेरिकी अधिकारी और 11 क्रू मेंबर भी थे। इनमें पंजाब के 30, हरियाणा और गुजरात के 33-33 लोग शामिल थे।
इन प्रवासियों का अमृतसर एयरपोर्ट पर वेरिफिकेशन, इमिग्रेशन और कस्टम क्लियरेंस किया गया, जिसके बाद पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया। इन 104 डिपोर्ट किए गए लोगों में 48 की उम्र 25 साल से कम है, जबकि 13 नाबालिग हैं, जिनमें एक 4 साल का बच्चा भी शामिल है। कुछ लोगों को पुलिस की गाड़ियों से उनके गांव भेजा गया, जबकि अन्य को फ्लाइट के जरिए उनके राज्यों में भेजा गया। अब ये सभी 20 देशों की यात्रा नहीं कर सकेंगे।
यह पहली बार था जब अमेरिका ने अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के लिए सैन्य विमान का उपयोग किया। इस विमान ने 4 फरवरी की सुबह 3 बजे अमेरिकी समयानुसार सैन एंटोनियो से उड़ान भरी थी और भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजे अमृतसर पहुंचा। अमेरिका ने इससे पहले 186 भारतीयों को डिपोर्ट करने की लिस्ट तैयार की थी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि बाकी लोगों को कब भेजा जाएगा। इस पूरे अभियान पर लगभग 6 करोड़ रुपये का खर्च आया, जो चार्टर्ड फ्लाइट से छह गुना अधिक है।