अहमदाबाद न्यूज डेस्क: हिमाचल के हरे मटर की इस वक्त मुंबई और अहमदाबाद में भारी मांग है, जिससे किसानों को 50 से 130 रुपये प्रति किलो थोक दाम मिल रहे हैं। शिमला की ढली मंडी में मटर की नई फसल पहुंच रही है, खासकर रोहडू, कोटखाई, करसोग और मंडी से। आने वाले दिनों में ठियोग और चियोग से भी मटर की खेप पहुंचने लगेगी। बाहरी राज्यों में बढ़ी मांग के कारण किसानों को फायदा हो रहा है।
शिमला और अन्य लोकल मंडियों में बाहरी राज्यों के व्यापारी मटर खरीदने के लिए पहुंचते हैं। हर साल सैकड़ों टन मटर प्रदेश की मंडियों से दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता और सूरत भेजा जाता है, जिससे किसानों को अच्छे दाम मिलते हैं। पहाड़ी मटर अपनी चमकदार रंगत और पोषण से भरपूर होने के कारण मशहूर है, जिसमें प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन ए जैसे कई उपयोगी तत्व पाए जाते हैं।
हिमाचल के शिमला, सोलन, कुल्लू, मंडी और किन्नौर जिलों में मटर की पैदावार प्रमुखता से होती है। शिमला की मंडियों में हर साल 100 करोड़ से अधिक का मटर कारोबार होता है, जबकि पूरे राज्य में यह कारोबार 700 करोड़ के आसपास होता है। रबी सीजन के दौरान उगाए गए बेमौसमी मटर की महानगरों में जबरदस्त मांग रहती है, और इसे फाइव स्टार होटलों में बेचा जाता है।
ढली सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के सचिव बिट्टू वर्मा ने बताया कि इस समय मंडी से रोजाना 200 से 300 क्विंटल मटर बाहरी राज्यों की मंडियों में भेजा जा रहा है। क्योंकि इस समय केवल हिमाचल में ही मटर की फसल हो रही है, किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं। आने वाले दिनों में मटर की आपूर्ति और बढ़ने की उम्मीद है।