अहमदाबाद न्यूज डेस्क: स्वयंभू संत आसाराम, जो कि बलात्कार के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं, ने हाल ही में जोधपुर कोर्ट से 31 मार्च तक के लिए पैरोल प्राप्त की है। 87 वर्षीय आसाराम को उनकी स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यह पैरोल दी गई है। इस दौरान वे अहमदाबाद स्थित अपने मोटेरा आश्रम में रहेंगे, लेकिन पैरोल पर कुछ कड़े शर्तें भी लगाई गई हैं। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि वे न तो अपने अनुयायियों से मिल सकेंगे, न ही प्रवचन दे सकते हैं, और न ही मीडिया से कोई बातचीत कर सकते हैं।
आसाराम की बीमारियों में प्रोस्टेट, हार्ट ब्लॉकेज जैसी गंभीर समस्याएं शामिल हैं, और उनका इलाज नेचुरोपैथी तथा आयुर्वेदिक पंचकर्म के जरिए चल रहा है। उनकी सुरक्षा और निगरानी के लिए तीन पुलिसकर्मी उनके साथ रहेंगे, और उनके इलाज या किसी अन्य सामान्य कार्य में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। आश्रम की मीडिया प्रभारी दीपांजलि कुलकर्णी ने बताया कि आसाराम हाल ही में पालनपुर से अहमदाबाद पहुंचे हैं, और उनका इलाज अब यहां शुरू हो चुका है।
दीपांजलि ने यह भी बताया कि आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करेगा कि वे कितने दिनों तक साबरमती आश्रम में रहेंगे। यदि उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं होता, तो उन्हें बेहतर इलाज के लिए अन्य स्थानों पर भी भेजा जा सकता है। कोर्ट के निर्देशों के तहत सभी शर्तों का पालन किया जा रहा है, और आसाराम से मिलने के लिए किसी को भी अनुमति नहीं दी जाएगी।
आसाराम को जेल से बाहर मिलने वाली यह पैरोल 14 जनवरी को कोर्ट के आदेश के बाद दी गई थी, और वे 12 साल बाद अहमदाबाद पहुंचे हैं। उनका यह पैरोल जोधपुर और सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए दी गई है, ताकि वे जेल के बाहर इलाज करवा सकें। इस पैरोल की शर्तों का उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा, और आसाराम अपने अनुयायियों से संपर्क नहीं कर सकेंगे।
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता की स्वास्थ्य स्थिति पर कोई विवाद नहीं है, और यह राज्य और अदालत की जिम्मेदारी है कि उनका स्वास्थ्य ठीक से ध्यान रखा जाए। अदालत ने यह भी कहा था कि आसाराम की उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें जेल के बाहर इलाज कराने की अनुमति दी जाए, ताकि उनकी स्थिति में सुधार हो सके।