अहमदाबाद न्यूज डेस्क: जीएसटी (GST) धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार पत्रकार महेश लांगा की समस्याएं बढ़ती नजर आ रही हैं। उनके खिलाफ एक व्यापारी ने अहमदाबाद में 28 लाख रुपये की धोखाधड़ी की एक नई शिकायत क्राइम ब्रांच में दर्ज कराई है। जांच में पता चला है कि महेश लांगा ने पिछले दो सालों में फर्जी कंपनियों के जरिए 20 करोड़ रुपये का धोखा दिया है।
महेश लांगा के खिलाफ शिकायत दर्ज करने वाले व्यापारी का काम विज्ञापन से जुड़ा हुआ है। उनकी मुलाकात दो साल पहले हुई थी, जब लांगा ने खुद को मीडिया में काम करने वाला एक प्रभावशाली व्यक्ति बताया था। लांगा ने व्यापारी को यह आश्वासन दिया कि वह उनकी विज्ञापन जरूरतों में मदद कर सकता है। इसके बाद, लांगा ने 16 मार्च और 6 जून 2024 को 23 लाख रुपये व्यापारी से लिए, यह कहते हुए कि वह बैंक के माध्यम से कॉर्पोरेट ऑफिस खरीदने में उनकी मदद करेगा।
फिर, सितंबर में, लांगा ने अपनी पत्नी कविता के जन्मदिन के लिए बैंक्वेट हॉल का आयोजन करने के लिए व्यापारी से 5 लाख 68 हजार 250 रुपये का बिल चुकाने को कहा। लांगा ने वादा किया कि वह यह राशि वापस करेगा, लेकिन उसने पैसे नहीं लौटाए। जब व्यापारी ने लांगा से पैसे वापस मांगे, तो लांगा ने उसे धमकाया।
उसने व्यापारी को नकारात्मक तरीके से कवर करके उसे बर्बाद करने की धमकी दी थी। जब व्यापारी को पता चला कि पत्रकार महेश लांगा को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने जीएसटी धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया है, तो वह क्राइम ब्रांच गया और लांगा के खिलाफ सबूत दिए। व्यापारी ने अपनी कंपनी के खाते से दिए गए 23 लाख रुपये के बैंक लेनदेन का रिकॉर्ड और जेड बैंक्वेट हॉल को चुकाए गए 5 लाख 68 हजार 250 रुपये की रसीद भी दिखाई।
जानकारी के अनुसार, जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) ने 7 अक्टूबर 2024 को ध्रुवी इंटरप्राइजेज नामक एक फर्जी कंपनी और इससे जुड़ी 12 अन्य कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले की जांच में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, और अब तक क्राइम ब्रांच ने कुल 17 लोगों को गिरफ्तार किया है।
अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर जीएस मालिक ने महेश लांगा से जुड़े तथ्यों की जानकारी देते हुए बताया कि फर्जी कंपनियों के माध्यम से सरकारी खजाने को ठगने के लिए जाली बिलों का इस्तेमाल किया गया है। DGGI की रिपोर्ट के अनुसार, एक ही मोबाइल नंबर और पैन कार्ड जैसे समान दस्तावेजों का इस्तेमाल करके 220 संदिग्ध फर्जी कंपनियों का निर्माण किया गया। क्राइम ब्रांच ने भावनगर, सूरत, जूनागढ़, राजकोट और अहमदाबाद सहित राज्य के 19 स्थानों पर छापेमारी की, जहां से 29 कंप्यूटर, 38 मोबाइल फोन, 7 लैपटॉप और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए, जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।