अहमदाबाद न्यूज डेस्क: अहमदाबाद के कांकरिया डिपो में स्थापित पर्यावरण अनुकूल यंत्रीकृत लॉन्ड्री ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) का ध्यान खींचा है। वर्ष 2022-23 के ऑडिट में 67 चालू यंत्रीकृत लॉन्ड्री में से 19 का निरीक्षण किया गया, जिसमें कांकरिया लॉन्ड्री को सबसे किफायती, प्रभावी और पर्यावरण अनुकूल पाया गया। रेलवे मंत्रालय ने यात्रियों को स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता वाली चादर उपलब्ध कराने के लिए देशभर में 100 से अधिक यंत्रीकृत लॉन्ड्री स्थापित की हैं।
कैग की रिपोर्ट में बताया गया कि यात्रियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली चादर विभिन्न मॉडल के तहत धोई जाती हैं—जैसे कि बीओओटी (बिल्ड, ओन, ऑपरेट, ट्रांसफर), रेलवे परिसर की विभागीय लॉन्ड्री या बाहरी मशीनीकृत लॉन्ड्री। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कांकरिया लॉन्ड्री में थर्मिक फ्लूइड हीटर का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें गर्म तेल का बंद-लूप परिसंचरण होता है। यह प्रक्रिया जैव-ईंधन का उपयोग कर पर्यावरण के अनुकूल ढंग से काम करती है, और उत्सर्जन न्यूनतम रहता है।
लॉन्ड्री में जल संरक्षण और अपशिष्ट जल प्रबंधन की भी उच्च दक्षता देखी गई। संयंत्र में भूजल का पहले उपचार किया जाता है, ताकि खारेपन कम किया जा सके। इसके अलावा, चादरों को चमकदार बनाने के लिए रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) तकनीक का प्रयोग किया जाता है। उपयोग के बाद पानी को गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुसार अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र में भेजा जाता है।
कैग ने अन्य लॉन्ड्री में कई कमियां भी पाई। अधिकांश यंत्रीकृत लॉन्ड्री में यात्रियों से फीडबैक लेने की व्यवस्था नहीं थी, जबकि जिन स्थानों पर फीडबैक लिया जा रहा था, वहां शिकायतें कम मिलीं। ऑडिट रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि कांकरिया लॉन्ड्री की प्रथाओं को अन्य स्थानों पर भी अपनाया जाए ताकि रेलवे प्रशासन पर्यावरण अनुकूल और उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं का लाभ उठा सके।