अहमदाबाद न्यूज डेस्क: गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की अध्यक्षता में बुधवार को राज्य कैबिनेट ने नौ नगर पालिकाओं को नगर निगम का दर्जा देने की मंजूरी दी। इस महत्वपूर्ण निर्णय के तहत, गुजरात के विभिन्न हिस्सों में नौ नगर पालिकाओं को नगर निगम के रूप में मान्यता प्राप्त होगी। सरकार ने इस फैसले की घोषणा राज्य विधानसभा के बजट सत्र और कैबिनेट की मंजूरी के बाद की है। इन नए नगर निगमों के गठन की अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी।
नवीन नगर निगमों में नवसारी, वापी, आनंद, नडियाद, मेहसाणा, सुरेंद्रनगर/वधवन, मोरबी, पोरबंदर/छाया और गांधीधाम शामिल हैं। इस निर्णय की पुष्टि करते हुए, राज्य सरकार के प्रवक्ता और वरिष्ठ मंत्री रुशिकेश पटेल ने प्रेस वार्ता में बताया कि जल्द ही इन क्षेत्रों को बड़े शहरी क्षेत्रों के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। इसके बाद गुजरात प्रांतीय नगर निगम अधिनियम, 1949 को इन पर लागू किया जाएगा।
सरकार के इस निर्णय से गुजरात का शहरी क्षेत्र 50% तक बढ़ जाएगा। इसके बाद, इन क्षेत्रों के लिए प्रशासनिक ढांचे में बदलाव होगा, और एक प्रशासक नियुक्त किया जाएगा। साथ ही, नगर पालिकाओं के निर्वाचित निकायों को भंग किया जाएगा और नए नगर निगमों का गठन किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, इस कदम से इन क्षेत्रों में शहरी विकास की गति तेज होगी और विभिन्न विकास योजनाओं को लागू किया जा सकेगा।
वर्तमान में, गुजरात में पहले से आठ नगर निगम मौजूद हैं, जिनमें अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट, भावनगर, जामनगर, जूनागढ़ और गांधीनगर शामिल हैं। नए नगर निगमों के गठन से इन शहरी निकायों की कुल संख्या 17 हो जाएगी। साथ ही, नगर पालिकाओं की संख्या घटकर 149 हो जाएगी।
नवसारी नगर निगम में नवसारी नगर पालिका और आसपास के कई गांवों की ग्राम पंचायतें शामिल होंगी। गांधीधाम नगर निगम में गांधीधाम नगर पालिका और कई अन्य ग्राम पंचायतें शामिल हैं, जिनमें किदाना, गलपदर, और शिनाय जैसे गांव शामिल हैं। मोरबी नगर निगम में मोरबी नगर पालिका के क्षेत्र और आसपास के गांवों की पंचायतें शामिल होंगी।
वापी नगर निगम में वापी नगर पालिका और इसके आसपास के कई गांवों जैसे बलिथा, सालवाव, और छिरी की पंचायतें शामिल होंगी। आनंद नगर निगम में वल्लभविद्यानगर, करमसद और आनंद नगर पालिका के साथ-साथ कई अन्य पंचायतें शामिल होंगी। इसी तरह, मेहसाणा, सुरेंद्रनगर और पोरबंदर जैसे क्षेत्रों में भी नए नगर निगम का गठन किया जाएगा।
इस फैसले से न केवल इन क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को लाभ होगा, बल्कि बाहरी इलाकों में रहने वालों के लिए भी रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। भविष्य में रिवरफ्रंट, मेट्रो और बीआरटीएस जैसी परियोजनाओं के माध्यम से इन नगर निगमों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में जीवन स्तर में सुधार होगा।
गुजरात सरकार के इस कदम से उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य में शहरी विकास की प्रक्रिया तेज होगी और शहरी सुविधाओं का विस्तार होगा। नए नगर निगमों के गठन से इन क्षेत्रों में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, सरकारी सेवाओं और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।