अहमदाबाद न्यूज डेस्क: अहमदाबाद के मनीनगर रेलवे स्टेशन के पास एक महत्वपूर्ण सड़क को अगले तीन महीने के लिए बंद कर दिया गया है। इस 100 मीटर लंबी सड़क को बंद करने का निर्णय मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) परियोजना के तहत लिया गया है, क्योंकि यहां रेलवे ट्रैक बिछाने का काम चल रहा है। यह सड़क मुख्य रूप से रेलवे स्टेशन और आसपास के क्षेत्रों से जुड़ी हुई है, इसलिए इस रास्ते के बंद होने से आने-जाने वाली गाड़ियों को कुछ परेशानी हो सकती है।
अहमदाबाद सिटी पुलिस ने इस सड़क के बंद होने के बाद यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों की जानकारी दी है, ताकि गाड़ियां बिना किसी रुकावट के अपनी मंजिल तक पहुंच सकें। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस दौरान दो प्रमुख मार्गों से वाहनों की आवाजाही होगी। संयुक्त पुलिस कमिश्नर एनएन चौधरी ने बताया कि यह उपाय इस क्षेत्र में यातायात को सुचारु बनाए रखने के लिए किया गया है।
पहला वैकल्पिक मार्ग भैरवनाथ रोड से होते हुए जशोदानगर चौकडी, जयहिंद चौराहा और स्वामीनारायण मंदिर की ओर जाएगा। इस मार्ग पर एक वन-वे रास्ता लागू होगा, जिससे यातायात की गति बनी रहेगी। दूसरा मार्ग कांकरिया लेक से शुरू होकर रामबाग, मनीनगर चौराहा, कृष्णा बाग, एलजी अस्पताल और सिद्धीविनायक अस्पताल होते हुए गुरुद्वारा तक जाएगा। यहां से वाहन रेलवे स्टेशन और अन्य रास्तों की ओर मुड़ सकेंगे।
इस सड़क के बंद होने से यातायात में अतिरिक्त समय लग सकता है, इसलिए पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अतिरिक्त समय लेकर यात्रा करें। खासकर उन लोगों को जिन्हें मनीनगर रेलवे स्टेशन से होकर गुजरना है, वे वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही मनीनगर रेलवे स्टेशन के पास सड़क के एक हिस्से पर भी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की यह अहम पहल है, जो भारतीय रेल नेटवर्क को आधुनिक और तेज बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना को जापान की मदद से पूरा किया जा रहा है और यह देश की पहली हाई स्पीड बुलेट ट्रेन सेवा होगी। यह ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद के बीच की दूरी को 320 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से तय करेगी।
बुलेट ट्रेन के उद्घाटन के बाद, यदि यह ट्रेन सभी स्टेशनों पर रुकते हुए यात्रा करती है, तो इसे लगभग तीन घंटे का समय लगेगा। लेकिन अगर यह ट्रेन कुछ ही स्टेशनों पर रुकती है, तो यह दूरी महज दो घंटे सात मिनट में तय कर लेगी। इस परियोजना से दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय काफी घट जाएगा और भारतीय रेलवे को वैश्विक मानकों के करीब पहुंचने का अवसर मिलेगा।