ताजा खबर
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन अहमदाबाद में 12 मंजिला ऊंचाई पर दौड़ेगी, साबरमती पर बन रहा 36 मीटर ऊंचा प...   ||    कानपुर में अहमदाबाद जाने वाली जनसाधारण एक्सप्रेस का डिब्बा पटरी से उतरा, बड़ा हादसा टला   ||    साबरमती रिवरफ्रंट पर दौड़े उमर अब्दुल्ला, अटल ब्रिज की तारीफ, बोले- सबसे खूबसूरत जगहों में से एक   ||    विमान हादसे के पीड़ितों के परिवार को 10 करोड़ मुआवजे का लालच देकर ठगी की कोशिश, धमकी भी दी   ||    राजकुमार राव ने 8 साल पुराने केस में जलंधर कोर्ट में किया आत्मसमर्पण, मिली जमानत   ||    सलमान खान की सोशल मीडिया पोस्ट से शुरू हुई राजनीतिक और फिल्मी अटकलें ​​​​​​​   ||    कियारा अडवाणी के जन्मदिन पर वॉर 2 का फर्स्ट सिंगल आवण जावण रिलीज़ हुआ!   ||    सिला की शूटिंग के लिए वियतनाम पहुंचे हर्षवर्धन राणे और सादिया खतीब!   ||    एक्टर को एक्टर ही रहना चाहिए — 'अंदाज़ 2' के प्रमोशन में बोले सुनील दर्शन   ||    अनब्रोकन: द उन्मुक्त चंद स्टोरी का टीज़र रिलीज़ हुआ!   ||   

केरल विधानसभा में निजी विश्वविद्यालय विधेयक पारित, विपक्ष का कड़ा विरोध

Photo Source :

Posted On:Wednesday, March 26, 2025

केरल विधानसभा ने मंगलवार को भारी हंगामे के बीच निजी विश्वविद्यालय विधेयक पारित कर दिया, जिससे राज्य में निजी विश्वविद्यालयों के संचालन का मार्ग प्रशस्त हो गया है। यह विधेयक विषय समिति द्वारा की गई जांच के बाद पारित किया गया। इस फैसले पर विपक्ष ने गहरी चिंता व्यक्त की और सरकार से इस विधेयक से जुड़ी नीतियों को स्पष्ट करने की मांग की।

विधेयक पर सरकार और विपक्ष आमने-सामने

राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदु ने विधेयक के बचाव में कहा कि यह केरल के शिक्षा क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने आश्वासन दिया कि निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम लागू किए जाएंगे। हालांकि, विपक्ष ने इस विधेयक पर कई सवाल उठाए, खासकर शुल्क संरचना और प्रवेश प्रक्रिया को लेकर। विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने चिंता व्यक्त की कि निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से सरकारी विश्वविद्यालय और कॉलेज प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने कहा, "हम विधेयक के पूरी तरह खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि सार्वजनिक विश्वविद्यालयों की स्थिति न बिगड़े।"

सरकार की दलील और पारदर्शिता का आश्वासन

केरल राज्य निजी विश्वविद्यालय (स्थापना और विनियमन) विधेयक के तहत, निजी विश्वविद्यालयों के प्रमुख निर्णय लेने वाले निकायों में सरकार की भागीदारी तय की गई है। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। विधेयक के अनुसार, विश्वविद्यालय संचालन की निगरानी के लिए 12 सदस्यीय परिषद बनाई जाएगी, जिसमें तीन सरकारी प्रतिनिधि शामिल होंगे। सरकार का कहना है कि यह विधेयक शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसरों को बढ़ावा देगा और छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में मदद करेगा। इसके अलावा, विश्वविद्यालयों में 40% सीटें केरल के स्थायी निवासियों के लिए आरक्षित होंगी, जिससे राज्य के छात्रों को लाभ मिलेगा।

छात्र परिषद और अनुसंधान विकास पर विशेष ध्यान

हर निजी विश्वविद्यालय में एक छात्र परिषद का गठन आवश्यक होगा, जिसमें कुल 10 छात्र प्रतिनिधि होंगे। इसमें कम से कम दो छात्राएं और एक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदाय का छात्र शामिल होगा। इसके साथ ही, शिक्षण, अनुसंधान, विकास और प्रशिक्षण की समय-समय पर निगरानी की जाएगी ताकि शिक्षा का स्तर उच्च बना रहे।

विपक्ष और आरएमपी का विरोध

इस विधेयक पर कांग्रेस और क्रांतिकारी मार्क्सवादी पार्टी (आरएमपी) ने कड़ा विरोध जताया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने सवाल किया कि क्या यह विधेयक केरल से छात्रों के पलायन को रोकने में प्रभावी होगा। आरएमपी विधायक केके रेमा ने भी इस विधेयक का पुरजोर विरोध किया। अंततः, भारी विरोध के बावजूद विधानसभा अध्यक्ष ए.एन. शमसीर ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। अब यह विधेयक कानून बनने से पहले राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया है।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.