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आतंक के खिलाफ नई नीति, न्यूक्लियर धमकी पर पाकिस्तान को मैसेज, पीएम मोदी के ऐलान के क्या मायने है?

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Posted On:Tuesday, May 13, 2025

नई दिल्ली — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम राष्ट्र को संबोधित करते हुए एक ऐसा सख्त और स्पष्ट संदेश दिया, जिसने न केवल पाकिस्तान, बल्कि पूरे विश्व का ध्यान भारत की नई रणनीतिक सोच की ओर खींचा। यह संबोधन सीजफायर के ऐलान के 51 घंटे बाद आया और कुल 22 मिनट के इस भाषण में प्रधानमंत्री ने कई संवेदनशील और सामरिक मुद्दों पर बेबाकी से बात की।

ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन

पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत हाल ही में पाकिस्तानी क्षेत्र में की गई "ऑपरेशन सिंदूर" से की, जिसे भारतीय वायुसेना द्वारा अंजाम दिया गया अब तक का सबसे बड़ा सैन्य हमला बताया गया है। यह ऑपरेशन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया था।

प्रधानमंत्री ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर केवल एक जवाबी हमला नहीं, बल्कि भारत की नई सैन्य नीति की घोषणा है। अब हम आतंक का जवाब तय समय और स्थान पर अपनी शर्तों पर देंगे।”

आतंकवाद पर भारत की नई त्रिस्तरीय नीति

प्रधानमंत्री मोदी ने आतंक के खिलाफ भारत की नई नीति को तीन स्पष्ट बिंदुओं में बताया:

  1. सीधी कार्रवाई (Direct Action): अगर भारत पर आतंकी हमला होता है, तो उसका जवाब अब प्रतीक्षा नहीं करेगा। भारत तत्काल और सटीक जवाब देगा।

  2. राजनयिक अलगाव (Diplomatic Isolation): आतंक को पनाह देने वाले देशों को वैश्विक मंच पर अलग-थलग किया जाएगा।

  3. आर्थिक प्रतिबंध (Economic Pressure): ऐसे देशों पर भारत आर्थिक दबाव बनाने से पीछे नहीं हटेगा। सहयोगियों से भी इसमें समर्थन की अपेक्षा होगी।

यह नीति दर्शाती है कि भारत अब सिर्फ बचाव में नहीं, बल्कि निर्णायक और आक्रामक रुख में कार्य करेगा।

"न्यूक्लियर ब्लैकमेल" अब नहीं चलेगा

प्रधानमंत्री के सबसे चर्चित बयानों में से एक रहा – “भारत अब कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल नहीं सहेगा।”
इस कथन के जरिए पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि भारत को अब परमाणु हमले की धमकियों से डराकर कोई देश अपनी आतंकवादी नीतियों को नहीं चला सकता। भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।

यह बयान सिर्फ पाकिस्तान को चेतावनी नहीं थी, बल्कि उन वैश्विक ताकतों को भी संदेश था जो दक्षिण एशिया में सामरिक संतुलन के नाम पर पाकिस्तान की आतंकवादी नीतियों को नजरअंदाज करते आए हैं।

पाकिस्तान की रणनीति को उजागर किया

पीएम मोदी ने पाकिस्तान की उस पुरानी रणनीति को भी उजागर किया जिसमें वह अपने परमाणु हथियारों को सुरक्षा कवच की तरह इस्तेमाल करता आया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने परमाणु arsenal को केवल अस्तित्व की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि आतंक को पनाह देने और सीमा पार हमले को कवर देने के लिए एक “राजनीतिक ढाल” के रूप में उपयोग करता है।

“भारत अब इस झूठे कवच को मान्यता नहीं देगा। अब जो जवाब मिलेगा, वो आतंक की जड़ों तक पहुंचेगा,” प्रधानमंत्री ने दृढ़ता से कहा।

सीजफायर और सिंधु जल समझौते पर भी दिया बयान

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन यह शांति मजबूरी में नहीं, बल्कि मजबूती से होनी चाहिए। पाकिस्तान के साथ हुए सीजफायर समझौते के बारे में उन्होंने कहा कि यह तभी टिकेगा जब आतंक बंद होगा। अगर सीमा पार से गोलीबारी या आतंकवाद जारी रहता है, तो भारत के पास जवाबी कार्रवाई के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

इसके अलावा पीएम ने सिंधु जल संधि का भी उल्लेख किया और कहा कि भारत अब इसकी समीक्षा करने से पीछे नहीं हटेगा यदि पाकिस्तान की ओर से उकसावे वाली गतिविधियां जारी रहीं। यह संकेत था कि जल को भी एक कूटनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

दुनिया को दिया कड़ा संदेश

प्रधानमंत्री का यह संबोधन सिर्फ पाकिस्तान तक सीमित नहीं था। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी यह संकेत दिया कि अब भारत को एक “रिएक्टिव नेशन” नहीं, बल्कि एक “प्रोएक्टिव स्ट्रैटेजिक पावर” के रूप में देखा जाए।

उन्होंने कहा कि भारत आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा, भले ही वह किसी भी देश या संगठन से जुड़ा हो। भारत का रुख अब स्पष्ट है – आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते।

जनता से एकजुटता की अपील

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से एकता बनाए रखने और देश के सुरक्षाबलों पर पूर्ण विश्वास रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह समय केवल सरकार का नहीं, पूरे देश का है। देश को एक स्वर में आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना होगा।

निष्कर्ष: भारत अब बदल चुका है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संबोधन स्पष्ट रूप से भारत की रक्षा और कूटनीतिक नीति में एक बड़े बदलाव का प्रतीक है। यह सिर्फ एक भाषण नहीं, बल्कि भारत की बदलती सुरक्षा नीति की घोषणा थी।

आज का भारत, आतंक की धमकियों से डरने वाला भारत नहीं है। यह वो भारत है जो न्यूक्लियर ब्लैकमेल का जवाब निर्णायक कार्रवाई से देगा, जो आतंक को जड़ से खत्म करेगा, और जो अपनी शर्तों पर शांति की स्थापना करेगा।


जय हिंद। भारत माता की जय।


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