12 जून 2025 की दोपहर भारत ने एक ऐसा काला दिन देखा, जिसने ना केवल देश को झकझोर दिया, बल्कि विश्व स्तर पर विमानन सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रही थी, टेकऑफ के महज 32 सेकंड बाद ही क्रैश हो गई। हादसा इतना भयावह था कि विमान में सवार 242 में से 241 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि ज़मीन पर मौजूद बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में कम से कम 30 लोगों की जान चली गई।
इस हादसे में केवल एक व्यक्ति – 40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश – ही जीवित बच सके। हादसे का मंजर इतना भयावह था कि पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई और सोशल मीडिया से लेकर संसद तक हर जगह यही सवाल गूंजा – आखिर ऐसा हुआ क्यों?
क्या हुआ था 32 सेकंड में?
दोपहर 1:39 बजे बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी थी। विमान में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर सवार थे, जिनमें भारतीय, ब्रिटिश, पुर्तगाली और कनाडाई नागरिक शामिल थे।
उड़ान भरते ही पायलट ने "MAYDAY" कॉल दी – जो इमरजेंसी सिग्नल होता है। कॉल के तुरंत बाद विमान का ATC से संपर्क टूट गया। प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय फुटेज के अनुसार विमान ऊंचाई नहीं पकड़ पाया और तेजी से नीचे गिरते हुए बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया।
RAT के एक्टिवेट होने से खुला बड़ा रहस्य
हादसे की जांच कर रही टीम को एक बड़ा सुराग मिला – Ram Air Turbine (RAT) का अचानक एक्टिवेट हो जाना। RAT एक इमरजेंसी डिवाइस है जो तभी एक्टिव होती है जब विमान के दोनों इंजन या हाइड्रोलिक-इलेक्ट्रिकल सिस्टम फेल हो जाएं।
विशेषज्ञों के अनुसार, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद RAT का एक्टिव होना यह दर्शाता है कि फ्लाइट ने गंभीर तकनीकी समस्या का सामना किया था। वीडियो फुटेज में विमान के दाहिने पंख के नीचे एक ग्रे रंग की घुमती हुई डिवाइस दिखाई दी, जिसे विशेषज्ञों ने RAT की पुष्टि की।
RAT कब और क्यों एक्टिव होता है?
RAT तीन मुख्य परिस्थितियों में सक्रिय होता है:
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दोनों इंजन फेल हो जाना – पावर सप्लाई ठप हो जाती है।
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पूरे इलेक्ट्रिक सिस्टम की विफलता – विमान की फ्लाइंग कंट्रोल्स प्रभावित होती हैं।
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हाइड्रोलिक सिस्टम फेल होना – जिससे फ्लैप्स और लैंडिंग गियर काम करना बंद कर देते हैं।
इस हादसे में RAT का एक्टिव होना यह इशारा करता है कि टेकऑफ के वक्त कुछ बहुत असामान्य हुआ था।
संभावित कारण: तकनीकी गड़बड़ी या सॉफ्टवेयर फेल?
भारतीय वायुसेना के पूर्व पायलट कैप्टन एहसान खालिद ने बताया कि दोनों इंजन का एकसाथ बंद हो जाना बेहद दुर्लभ है। अगर यह हुआ भी, तो यह डिजिटल गड़बड़ी या सेंसर फेलियर का संकेत हो सकता है। ड्रीमलाइनर का डिजाइन इलेक्ट्रिक-आधारित है, जिससे पारंपरिक हाइड्रोलिक सिस्टम की जगह इलेक्ट्रिकल सिस्टम प्रमुख होता है। ऐसे में अगर इलेक्ट्रिक सिस्टम फेल हो गया, तो इंजन भी ठप हो सकते हैं।
न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. सोन्या ब्राउन ने कहा कि वीडियो में देखा गया कि विमान का अगला हिस्सा ऊपर की ओर था, लेकिन थ्रस्ट न मिलने से वह ऊपर नहीं जा पाया और सीधे नीचे गिर गया।
अन्य थ्योरीज क्या कहती हैं?
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बर्ड स्ट्राइक थ्योरी खारिज: रनवे या इंजन में किसी पक्षी के टकराने के सबूत नहीं मिले।
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पायलट की गलती?: फ्लैप्स की गलत सेटिंग की थ्योरी भी ज्यादा प्रासंगिक नहीं मानी जा रही, क्योंकि बोइंग 787 में इसके लिए चेतावनी प्रणाली है।
जांच जारी, DGCA सतर्क
भारत के DGCA ने इस हादसे के बाद एयर इंडिया के सभी बोइंग 787 विमानों की तकनीकी जांच के आदेश दिए हैं। दोनों ब्लैक बॉक्स – FDR और CVR – मिल चुके हैं और अमेरिका-ब्रिटेन के एक्सपर्ट्स की मदद से डाटा विश्लेषण किया जा रहा है।
AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) इस जांच का नेतृत्व कर रहा है, जिसमें बोइंग, GE एयरोस्पेस, DGCA और विदेशी तकनीकी टीमें शामिल हैं।
निष्कर्ष: हादसा एक संकेत है
इस हादसे ने दुनिया को एक बार फिर याद दिला दिया है कि अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी होने के बावजूद तकनीकी गड़बड़ियां एक झटके में सैकड़ों जानें ले सकती हैं। फ्लाइट AI-171 के मामले में RAT का एक्टिवेशन, सॉफ्टवेयर फेलियर की आशंका, और इतनी जल्दी इंजन फेल होना – ये सभी संकेत विमानन सुरक्षा को लेकर फिर से सोचने को मजबूर करते हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि हादसे की सच्चाई जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगी, लेकिन यह साफ है कि यह हादसा एक नहीं बल्कि कई तकनीकी और सिस्टम फेलियर का परिणाम था।
यह घटना हमेशा याद दिलाती रहेगी – विमान सिर्फ उड़ता नहीं, भरोसे और सिस्टम दोनों पर टिकता है।