ताजा खबर
19 सितंबर का इतिहास: भारत और विश्व में घटित प्रमुख घटनाएं   ||    Fact Check: राहुल गांधी के खिलाफ मल्लिकार्जुन खरगे ने दिया बयान? यहां जानें वायरल Video का सच   ||    Aaj Ka Rashifal: मेष से लेकर मीन राशिवालों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन? पढ़ें 19 सितंबर 2025 का राशि...   ||    India vs Oman: फिर होगा 18 साल पहले जैसा चमत्कार? अभिषेक शर्मा के पास गुरु युवराज सिंह को ‘दक्षिणा’ ...   ||    बेस्ट थ्रो के बाद भी मेडल से चूके सचिन यादव, अगर ऐसा होता तो पक्का था पदक, पढ़ें इनसाइड स्टोरी   ||    Asia Cup 2025: एक दो नहीं पूरे 5 मैच खेल सकती है टीम इंडिया, नोट कर लीजिए शेड्यूल   ||    Gold Rate : नवरात्र से पहले सोने के रेट में तगड़ी गिरावट, एक ही दिन में इतने गिरे दाम   ||    SEBI ने अडाणी समूह को दी क्लीन चिट, कहा- ‘किसी नियम का नहीं हुआ उल्लंघन’   ||    US Fed Rate Cut : अमेरिका ने घटाई ब्याज दरें, भारत पर क्या होगा इसका असर?   ||    गांधीनगर में प्रशासन ने चलाया मेगा डिमोलिशन अभियान, 1 लाख वर्ग मीटर अवैध अतिक्रमण हटाया   ||   

‘भारत के 14 अरब लोग हैं हमारे असली रिसोर्स’: प्रणव अडाणी

Photo Source :

Posted On:Friday, June 20, 2025

चिंतन रिसर्च फाउंडेशन के पहले स्थापना दिवस के अवसर पर अडाणी एंटरप्राइजेज के निदेशक प्रणव अडाणी ने भारत की विकास यात्रा और देश की अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि भारत वर्तमान में एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है और देश की सबसे बड़ी ताकत उसकी विशाल आबादी है। प्रणव अडाणी ने जोर देते हुए कहा, "हमारे पास 14 अरब लोग हैं, जो हमारे असली संसाधन हैं।"

भारत की अर्थव्यवस्था: सक्रिय और निष्क्रिय हिस्से की बात

प्रणव अडाणी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के दो पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि देश की जीडीपी में केवल 50 प्रतिशत हिस्सा सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है, जबकि बाकी 50 प्रतिशत हिस्सा निष्क्रिय है। उनका मानना है कि असली विकास तभी संभव है जब इस निष्क्रिय हिस्से पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब हम इस निष्क्रिय हिस्से को सक्रिय करेंगे, तभी भारत की सच्ची विकास कहानी शुरू होगी।

विकास केवल महानगरों तक सीमित नहीं

प्रणव अडाणी ने यह भी कहा कि भारत का विकास केवल दिल्ली या अन्य बड़ी राजधानी शहरों तक सीमित नहीं है। बल्कि विकास अब ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों में भी तेजी से हो रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "चाहे रांची हो, रायपुर, भुवनेश्वर हो या उत्तर-पूर्व का कोई इलाका — असली भारत यहीं रहता है और हमें इन जगहों पर भी फोकस करना होगा।"

विकास को संख्याओं से नहीं, जीवन से मापा जाना चाहिए

अडाणी ग्रुप के तीन दशकों के बुनियादी ढांचे के विकास के अनुभव को साझा करते हुए प्रणव अडाणी ने अपने अध्यक्ष गौतम अडाणी के विचार को दोहराया, जिन्होंने कहा है कि "विकास को संख्याओं से नहीं, बल्कि हम जिन जीवन को छूते हैं, उनसे मापा जाना चाहिए।" यह विचार चिंतन रिसर्च फाउंडेशन के मिशन और उद्देश्यों के अनुरूप है, जो सिर्फ आर्थिक आंकड़ों से परे जाकर देश के लोगों के जीवन स्तर में सुधार पर केंद्रित है।

चिंतन रिसर्च फाउंडेशन: भारत का वैचारिक नेतृत्व

प्रणव अडाणी ने फाउंडेशन की स्थापना के उद्देश्यों के बारे में भी विस्तार से बताया। उनका कहना था कि यह फाउंडेशन भारत को वैश्विक मंचों पर एक वैचारिक लीडर बनाने के लिए काम करेगा। यह संस्था केवल अनुसंधान तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि COP29, संयुक्त राष्ट्र और विश्व व्यापार संगठन जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के हितों की वकालत करेगी।

उन्होंने यह भी जोर दिया कि भारतीय थिंक टैंकों को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि देश को एक मजबूत वैश्विक नेतृत्व के रूप में स्थापित किया जा सके। उन्होंने कहा, "चलो दिल्ली से आगे बढ़ें। भारत विविध बोलियों, संस्कृतियों और क्षेत्रों का एक समूह है। हमें इस विविधता को समझकर सामूहिक रूप से देश का विकास करना होगा।"

निष्कर्ष

प्रणव अडाणी के विचार भारत के विकास के एक समग्र और व्यावहारिक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। वे न केवल आर्थिक विकास पर जोर देते हैं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता को भी महत्व देते हैं। उनका मानना है कि देश की विशाल जनसंख्या ही उसका सबसे बड़ा संसाधन है, और यदि हम देश के निष्क्रिय हिस्से को सक्रिय कर सकें, तो भारत की विकास यात्रा नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकती है।

चिंतन रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना का उद्देश्य भी इसी विचारधारा को आगे बढ़ाना है—भारत को न केवल आर्थिक बल्कि वैचारिक रूप से भी दुनिया के मंच पर एक प्रभावशाली नेतृत्व प्रदान करना। इस फाउंडेशन के माध्यम से भारत के हितों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से प्रस्तुत किया जाएगा और देश के विविध क्षेत्रीय विकास को नई दिशा मिलेगी।

प्रणव अडाणी का यह संदेश स्पष्ट है कि भारत का भविष्य सिर्फ महानगरों में नहीं, बल्कि ग्रामीण और छोटे शहरों में भी उज्जवल है। हमें एक साथ मिलकर इस विशाल देश की विविधता में छुपी ताकत को पहचानना और उसका समुचित विकास करना होगा, ताकि भारत वास्तव में विश्व का अगला महाशक्ति बन सके।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.