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क्या आप जानते हैं, आखिर क्यों भगवान शिव गले में नाग धारण करते हैं? जानें इसके पीछे का कारण

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Posted On:Monday, March 20, 2023

प्रचलित मान्यता के अनुसार 12 ज्योतिर्लिंगों में महादेव स्वयं प्रकाश रूप में विराजमान हैं। शिवपुराण कथा में 12 ज्योतिर्लिंगों के वर्णन की महिमा का वर्णन किया गया है। ये 12 ज्योतिर्लिंग मल्लिकार्जुनम, वैद्यनाथम, केदारनाथम, सोमनाथम, भीमाशंकरम, नागेश्वरम, विश्वेश्वरम, त्र्यंबकेश्वर, रामेश्वर, घृष्णेश्वरम, ममलेश्वरम और महाकालेश्वरम हैं। सभी 12 ज्योतिर्लिंगों और मंदिरों में जो चीजें आम हैं, उनमें भगवान शिव के गले में नाग (सर्प), बालों में गंगा, सिर पर चंद्रमा और हाथ में त्रिशूल-डमरू इसके प्रतीक हैं।

महादेव के नाग के पीछे की कहानी

इन सभी चीजों को धारण करने के पीछे अलग-अलग महत्व हैं। कहा जाता है कि नाग महादेव को अपना देवता मानते हैं। उनके गले में सर्प की माला भी लिपटी हुई है। पौराणिक कथा के अनुसार नागराज वासुकी महादेव के अनन्य भक्त थे। वे हमेशा उनकी पूजा में लीन रहते थे। समुद्रमंथन के दौरान नागराज वासुकी ने रस्सी का काम किया था। नागराज की भक्ति देखकर महादेव प्रभावित हुए। उन्होंने वासुकी को अपने गले में लिपटे रहने का वरदान दिया। इसके बाद नागराज वासुकी अमर हो गए। नाग पंचमी का पर्व सावन के महीने में मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में नागों की विशेष रूप से पूजा की जाती है।


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