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तुवालु के लोग जलवायु संकट से बचने के लिए ऑस्ट्रेलिया के क्लाइमेट वीजा की ओर बढ़े, हर तीसरा नागरिक छोड़ना चाहता है देश, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Friday, June 27, 2025

मुंबई, 27 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित छोटे द्वीप देश तुवालु के एक-तिहाई से अधिक नागरिकों ने ऑस्ट्रेलिया के विशेष क्लाइमेट वीजा के लिए आवेदन किया है। यह वीजा उन्हें स्थायी रूप से ऑस्ट्रेलिया में बसने, काम करने, स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने और शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा देगा। क्लाइमेट वीजा के लिए आवेदन प्रक्रिया 16 जून से शुरू हुई थी और अब तक 1,124 नागरिकों ने आवेदन कर दिया है, जिनमें उनके परिवारों सहित कुल 4,052 लोग शामिल हैं। जबकि 2022 की जनगणना के अनुसार तुवालु की कुल आबादी सिर्फ 10,643 है। तुवालु एक बेहद छोटा और समुद्र तल से मात्र 6 मीटर ऊंचाई पर स्थित देश है, जो लगातार समुद्र स्तर में वृद्धि की वजह से डूबने के खतरे का सामना कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2050 तक देश का आधा हिस्सा समुद्र में समा जाएगा और सदी के अंत तक लगभग 90% भूभाग डूब जाएगा। ऑस्ट्रेलिया की ओर से शुरू की गई यह वीजा योजना फालेपिली मोबिलिटी पाथवे नाम से चलाई जा रही है, जिसे पैसिफिक एंगेजमेंट वीजा के तहत तुवालु के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। यह योजना 2023 में दोनों देशों के बीच हुए समझौते का हिस्सा है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने तुवालु की सैन्य और जलवायु सुरक्षा की जिम्मेदारी ली है। साथ ही यह भी वादा किया गया है कि यदि कभी तुवालु की भौगोलिक भूमि पूरी तरह डूब जाती है, तो भी उसकी संप्रभुता और पहचान बनी रहेगी।

तुवालु के प्रधानमंत्री फेलेती तियो ने स्पष्ट किया है कि उनके देश में लोगों के पास ऊंची भूमि पर जाने का कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि पूरा देश ही सपाट है। राजधानी फोंगाफाले की चौड़ाई कई स्थानों पर केवल 20 मीटर है। जलवायु संकट के कारण लोग अपने अस्तित्व को बचाने के लिए देश छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। इस बीच तुवालु सरकार ने डिजिटल भविष्य की ओर कदम बढ़ाते हुए 2022 में घोषणा की थी कि वह दुनिया का पहला पूरी तरह से ऑनलाइन देश बनने की दिशा में अग्रसर है। सरकार अपने इतिहास, संस्कृति और भूमि की डिजिटल प्रतिकृति तैयार कर रही है और अपने सभी प्रशासनिक कार्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की योजना बना रही है। ऑस्ट्रेलिया अब तुवालु की डिजिटल संप्रभुता को मान्यता भी दे चुका है। हालांकि, अमेरिकी सरकार की सख्त इमिग्रेशन और जलवायु नीतियों के चलते तुवालु सहित 36 देशों को यात्रा प्रतिबंध सूची में शामिल करने की योजना सामने आई है। इस सूची में तुवालु के पड़ोसी देश टोंगा और वानुअतु भी शामिल हैं।


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