प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों अपनी चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर हैं, जिसके तहत उन्होंने रविवार को साइप्रस के लिमासोल शहर का दौरा किया। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने भारत-साइप्रस सीईओ फोरम को संबोधित किया, जहां उन्होंने भारत की आर्थिक ताकत, विकास की क्षमता और निवेश के अवसरों पर प्रकाश डाला। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि वर्तमान में भारत दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और बहुत जल्द यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है। उन्होंने भारत को विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताया और इसके पीछे देश की प्रगतिशील नीतियों को मुख्य कारण बताया।
भारत की आर्थिक ताकत और विकास की क्षमता
पीएम मोदी ने फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में आर्थिक और तकनीकी विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। उन्होंने बताया कि भारत का आर्थिक मॉडल निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक है और देश में व्यापारिक माहौल निरंतर सुधर रहा है। भारत सरकार ने विभिन्न सुधारों के जरिए उद्योग और व्यापार को बढ़ावा दिया है, जिससे विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। भारत का लक्ष्य एक सशक्त और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है, जो वैश्विक मंच पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा सके।
डिजिटल क्रांति और UPI का प्रभाव
पीएम मोदी ने भारत में हुए डिजिटल क्रांति की भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत ने डिजिटल लेन-देन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव देखे हैं। भारत में डिजिटल भुगतान के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को लागू किया गया, जो आज विश्व के सबसे बड़े डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म में से एक बन चुका है। उन्होंने बताया कि दुनिया के आधे से अधिक डिजिटल लेन-देन भारत के UPI प्लेटफॉर्म के माध्यम से होते हैं। इस डिजिटल बदलाव ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया है और देश में नवाचार की एक नई लहर लाई है।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि फ्रांस जैसे कई देशों ने UPI को अपनाया है और साइप्रस को भी इस नेटवर्क से जोड़ने के लिए बातचीत चल रही है। उन्होंने साइप्रस के इस कदम का स्वागत किया और कहा कि यह भारत और साइप्रस के बीच आर्थिक एवं तकनीकी सहयोग को और मजबूत करेगा।
भारत का मैन्युफैक्चरिंग मिशन
पीएम मोदी ने भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में हो रहे विकास पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष मिशन शुरू किया है, जिसका मुख्य फोकस इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर, बायोटेक्नोलॉजी और हरित विकास (ग्रीन डेवलपमेंट) जैसे क्षेत्रों पर है। इस मिशन के माध्यम से भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण का एक ग्लोबल केंद्र बनाने की योजना है, जिससे देश की आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन को नई दिशा मिलेगी।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने समुद्री विकास, बंदरगाह निर्माण, जहाज निर्माण और तेजी से बढ़ रहे सिविल एविएशन सेक्टर पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ये सेक्टर भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देंगे।
भारत-साइप्रस संबंधों को नई ऊंचाइयां
पीएम मोदी के इस दौरे को भारत और साइप्रस के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का प्रतीक माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, ऊर्जा, तकनीक और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौतों पर चर्चा हुई। साइप्रस में भारतीय समुदाय की मजबूत उपस्थिति भी दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों को मजबूती देती है।
इस फोरम में मौजूद दोनों देशों के उद्योगपतियों और निवेशकों ने भारत के विकास मॉडल की सराहना की और कहा कि भारत में निवेश के अवसर निरंतर बढ़ रहे हैं। उन्होंने साइप्रस को भारत के साथ साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए उपयुक्त स्थान बताया।
आर्थिक रणनीति और वैश्विक परिदृश्य में भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि भारत की आर्थिक रणनीति दीर्घकालिक और सतत विकास पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भारत का उद्देश्य न केवल आर्थिक वृद्धि करना है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समावेशन को भी सुनिश्चित करना है। भारत की नीति में नवाचार और तकनीकी विकास को प्राथमिकता दी जा रही है, जो देश को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे रखेगी।
पीएम मोदी ने भारत के इस विकास पथ को एक 'मेक इन इंडिया', 'डिजिटल इंडिया', 'आत्मनिर्भर भारत' जैसे अभियानों के माध्यम से साकार किया है, जो देश की उत्पादन क्षमता और तकनीकी सशक्तता को बढ़ावा देते हैं।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साइप्रस यात्रा और भारत-साइप्रस सीईओ फोरम में उनकी उपस्थिति भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति और निवेश संभावनाओं को दर्शाती है। डिजिटल क्रांति, मैन्युफैक्चरिंग मिशन, और द्विपक्षीय सहयोग के माध्यम से भारत एक मजबूत वैश्विक आर्थिक शक्ति बन रहा है। साइप्रस दौरे के दौरान किए गए संदेश विश्व को यह बताने के लिए हैं कि भारत तेजी से विकसित हो रहा है और दुनिया के आर्थिक मानचित्र में अपनी जगह मजबूत कर रहा है।
यह यात्रा भारत के वैश्विक आर्थिक कूटनीति को मजबूत करने के साथ-साथ देश के आर्थिक हितों की रक्षा और विस्तार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। आने वाले समय में भारत और साइप्रस के बीच आर्थिक सहयोग और निवेश के नए अवसर खुलने की उम्मीद है, जो दोनों देशों के लिए लाभकारी सिद्ध होंगे।