ताजा खबर
साउथ गोवा में पर्यटक का ऑनलाइन कैब सफर बना बुरा अनुभव, तीन ड्राइवरों पर FIR दर्ज   ||    एयर इंडिया फ्लाइट 171 हादसा: सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में मांगी स्वतंत्र जांच   ||    दीपिका पादुकोण का ‘कल्कि 2898 एडी’ सीक्वल से बाहर होने पर नाग आश्विन ने लिखा एक क्रिप्टिक पोस्ट   ||    ‘लॉर्ड कर्ज़न की हवेली’: रहस्य, ह्यूमर और देसी ट्विस्ट से भरपूर डिनर पार्टी को मिली रिलीज़ डेट!   ||    कांतारा चैप्टर 1 का ट्रेलर इस दिन होगा रिलीज़   ||    19 सितंबर का इतिहास: भारत और विश्व में घटित प्रमुख घटनाएं   ||    Fact Check: राहुल गांधी के खिलाफ मल्लिकार्जुन खरगे ने दिया बयान? यहां जानें वायरल Video का सच   ||    Aaj Ka Rashifal: मेष से लेकर मीन राशिवालों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन? पढ़ें 19 सितंबर 2025 का राशि...   ||    India vs Oman: फिर होगा 18 साल पहले जैसा चमत्कार? अभिषेक शर्मा के पास गुरु युवराज सिंह को ‘दक्षिणा’ ...   ||    बेस्ट थ्रो के बाद भी मेडल से चूके सचिन यादव, अगर ऐसा होता तो पक्का था पदक, पढ़ें इनसाइड स्टोरी   ||   

IMF के बाद अब ADB पाकिस्तान को देगा 668 करोड़, भारत के विरोध का नहीं दिखा असर

Photo Source :

Posted On:Wednesday, June 4, 2025

एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank - ADB) ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति सुधारने के उद्देश्य से 668 करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज को मंजूरी दी है। यह पैकेज पाकिस्तान के राजकोषीय (फिस्कल) स्थिति को बेहतर बनाने और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन में सुधार लाने के लिए दिया जाएगा। एडीबी की डायरेक्टर एम्मा फैन ने कहा कि पाकिस्तान ने मैक्रोइकोनॉमिक यानी व्यापक आर्थिक परिस्थितियों में सुधार के मामले में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

हालांकि इस फैसले पर भारत की ओर से कड़ा विरोध किया गया है। भारत ने एडीबी की बोर्ड बैठक में इस पैकेज को मंजूर न करने की मांग की, क्योंकि भारत का तर्क है कि पाकिस्तान इस पैकेज का उपयोग आतंकवादियों की भर्ती और उनके वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए कर सकता है।


भारत की आपत्ति और चिंता

भारत ने इस आर्थिक पैकेज के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज कराई है और कहा है कि पाकिस्तान में आतंकवाद और सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए इस तरह के कर्ज को मंजूरी देना गलत है। भारत का मानना है कि पाकिस्तान लगातार आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त है और उसे दिए गए आर्थिक संसाधनों का दुरुपयोग हो सकता है।

भारत ने यह भी कहा कि एडीबी को पाकिस्तान के वित्तीय रिकॉर्ड की गंभीरता से जांच करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दी गई राशि आतंकवाद के वित्तपोषण में न जाए। भारत की यह आपत्ति आईएमएफ (International Monetary Fund) द्वारा दिए गए 1 अरब डॉलर के कर्ज के समय भी सामने आई थी।


आईएमएफ और पाकिस्तान को आर्थिक सहायता

इससे पहले, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर का आर्थिक कर्ज दिया था। उस समय भी भारत ने पाकिस्तान की आर्थिक गतिविधियों और आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोपों को लेकर कड़े सवाल उठाए थे। भारत का मानना है कि पाकिस्तान को दिए गए ये कर्ज आतंकवादी संगठनों को सशक्त बनाने में लग सकते हैं।


विश्व बैंक की भी तैयारी

आईएमएफ और एडीबी के अलावा विश्व बैंक भी पाकिस्तान को वित्तीय सहायता देने की योजना बना रहा है। जनवरी 2025 में विश्व बैंक ने पाकिस्तान के साथ अगले दस सालों में 20 अरब डॉलर के कर्ज देने का समझौता किया है। यह कर्ज मुख्यतः जलवायु परिवर्तन, निजी क्षेत्र के विकास और अन्य आर्थिक सुधारों के लिए दिया जाएगा।

हालांकि, भारत ने इस पर भी विरोध जताने की योजना बनाई है। भारत को डर है कि वैश्विक वित्तीय संस्थान पाकिस्तान को आर्थिक मदद तो दें, लेकिन वह इस धनराशि का दुरुपयोग आतंकवाद के लिए कर सकता है।


पाकिस्तान और एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट

भारत की चिंता का एक बड़ा कारण पाकिस्तान का आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई में विफल रहना है। इस वजह से भारत एफएटीएफ (Financial Action Task Force) के तहत पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में शामिल कराने के लिए दबाव बना रहा है।

पाकिस्तान को पहली बार 2018 में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाला गया था, जहां उसे कड़े वित्तीय निगरानी के अधीन रखा गया। भारत का मानना है कि पाकिस्तान ने अब तक आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं।


निष्कर्ष

पाकिस्तान के लिए एशियाई विकास बैंक और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा आर्थिक सहायता की मंजूरी ने क्षेत्रीय सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता के लिहाज से कई सवाल खड़े कर दिए हैं। भारत की चिंता और विरोध इस बात का संकेत हैं कि पाकिस्तान को दी जा रही यह आर्थिक मदद न केवल आर्थिक सुधारों के लिए हो, बल्कि इसका दुरुपयोग आतंकवाद के लिए न हो, यह सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है।

भले ही पाकिस्तान ने आर्थिक सुधारों में प्रगति दिखाई हो, लेकिन क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए इस आर्थिक पैकेज की निगरानी और पारदर्शिता बेहद महत्वपूर्ण होगी। भारत की आपत्तियां इस बात को दर्शाती हैं कि क्षेत्रीय तनाव और सुरक्षा के मुद्दे अभी भी पूरी तरह हल नहीं हुए हैं और इन पर वैश्विक समुदाय को गंभीरता से ध्यान देना होगा।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.