ताजा खबर
अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन स्टेशन का निरीक्षण, गुजरात के चार सेमीकंडक्टर प्लांट्स की प्रगति से संतुष्ट...   ||    बैंकॉक से गांजा तस्करी का खुलासा: अहमदाबाद एयरपोर्ट पर 6.2 किलो ड्रग्स के साथ दो भारतीय गिरफ्तार   ||    राष्ट्रपति मुर्मू ने कैंची धाम में नीब करौरी बाबा के दर्शन किए, उत्तराखंड को बताया 'ज्ञान की भूमि'   ||    पति को मारकर भी नहीं भरा मन, लाश के पास बैठकर किया मेकअप और फिर... झकझोर देगी पूरी घटना   ||    अमेरिका में बड़ा आतंकी हमला नाकाम, इस्लामिक स्टेट की तर्ज पर हैलोवीन पर करना चाहते थे अटैक   ||    कनाडा का नया वीजा प्लान क्या है, जिसने भारतीयों को बनाया निशाना? एक बार में रद हो जाएंगे आवेदन   ||    पाकिस्तान का अफगानिस्तान को झटका, अफगानियों को देश छोड़ने का आदेश, अपने लोगों को भी चेतावनी   ||    ‘ममदानी चुनाव जीता तो फंडिंग रोक दूंगा’, डोनाल्ड ट्रंप ने दी धमकी, न्यूयॉर्क मेयर चुनाव पर क्यों छिड...   ||    21 दिन में रिफंड, टिकट में फ्री बदलाव… हवाई यात्रा को लेकर बनेंगे ये 7 बड़े नियम, DGCA कब से करेगा ल...   ||    मणिपुर में सेना का बड़ा एनकाउंटर, चुराचांदपुर में मारे गए 4 मिलिटेंट्स   ||   

ऑनलाइन गेमिंग पर 'कानूनी मार': MPL ने 60% कर्मचारियों को निकाला, उद्योग में छाई अनिश्चितता

Photo Source :

Posted On:Monday, September 1, 2025

मुंबई, 1 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) भारत के तेज़ी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को हाल ही में सरकार द्वारा लाए गए एक नए कानून से बड़ा झटका लगा है। इस कानून के बाद, लोकप्रिय गेमिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) ने अपने भारत में कार्यरत 60% कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। यह कदम ऑनलाइन मनी गेमिंग पर लगे प्रतिबंधों के बाद उठाया गया है, जिसने पूरे सेक्टर में खलबली मचा दी है।

आखिर क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला?

MPL के सह-संस्थापक साई श्रीनिवास ने कर्मचारियों को भेजे गए एक आंतरिक ईमेल में बताया कि भारत में पैसे वाले खेलों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगने के बाद, कंपनी ने अपने सभी घरेलू राजस्व स्रोतों को बंद कर दिया है। MPL के कुल राजस्व में से लगभग 50% भारत से आता था। श्रीनिवास ने भारी मन से इस निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि जब कोई व्यापार मॉडल देश में स्वीकार्य नहीं होता, तो उसे स्वीकार करके आगे बढ़ना ही सबसे अच्छा रास्ता है।

यह कार्रवाई हाल ही में पारित 'ऑनलाइन गेमिंग का संवर्धन और विनियमन अधिनियम, 2025' के बाद हुई है। इस कानून ने रियल मनी गेमिंग को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है, जिससे MPL जैसे प्लेटफॉर्म्स को अपने व्यवसाय मॉडल को फ्री-टू-प्ले मॉडल पर केंद्रित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

सिर्फ MPL ही नहीं, पूरा उद्योग प्रभावित

यह समस्या सिर्फ MPL तक सीमित नहीं है। प्रतिद्वंदी कंपनी ड्रीम11 ने भी अपनी फैंटेसी क्रिकेट सेवाएं बंद कर दी हैं। अन्य प्लेटफॉर्म जैसे ज़ूपी और प्रोबो ने भी अपने रियल मनी गेमिंग ऑपरेशंस बंद कर दिए हैं। हालांकि कुछ कंपनियों ने इस कानून को अदालत में चुनौती दी है, लेकिन MPL जैसे बड़े खिलाड़ियों ने कानूनी लड़ाई लड़ने की बजाय अपने व्यापार मॉडल को बदलने का फैसला किया है।

इस कानून ने एक ऐसे उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है जिसका अनुमानित बाज़ार मूल्य 2029 तक 3.6 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद थी और जिसने कई बड़े निवेशकों को आकर्षित किया था। यह कदम न सिर्फ कंपनियों की आर्थिक स्थिरता पर सवाल उठा रहा है, बल्कि हजारों युवाओं के रोज़गार पर भी खतरा पैदा कर रहा है।

आगे क्या?

MPL अब भारत में फ्री-टू-प्ले गेम्स और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों, जैसे अमेरिका और ब्राज़ील, में अपने व्यवसाय को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। कंपनी का मानना है कि इस कठिन दौर में, जीवित रहने और आगे बढ़ने के लिए खर्चों में कटौती और रणनीतिक बदलाव ज़रूरी हैं।

यह घटना दर्शाती है कि भारत का तेज़ी से बढ़ता स्टार्टअप इकोसिस्टम अभी भी सरकारी नीतियों और नियमों के प्रति संवेदनशील है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में सरकार और गेमिंग उद्योग इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं और क्या कोई ऐसा समाधान निकलता है जो दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.