अहमदाबाद न्यूज डेस्क: भारतीय शिक्षा जगत ने वैश्विक स्तर पर एक और कदम आगे बढ़ाया है। गुरुवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दुबई में आईआईएम अहमदाबाद के पहले अंतरराष्ट्रीय कैंपस का उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम भी मौजूद रहे। उद्घाटन को लेकर धर्मेंद्र प्रधान ने इसे भारत की शिक्षा को वैश्विक मंच तक ले जाने वाली बड़ी छलांग बताया।
शिक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आईआईएम अहमदाबाद का दुबई कैंपस भारतीय शिक्षा की गुणवत्ता और वैश्विक दृष्टिकोण का मेल है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह नया संस्थान भारत की सर्वोत्तम शिक्षा को दुनिया तक पहुंचाने का एक आदर्श माध्यम होगा। उनका मानना है कि यह कदम भारतीय प्रतिभा को और भी ज्यादा अंतरराष्ट्रीय अवसर दिलाने का काम करेगा।
धर्मेंद्र प्रधान की यह दो दिवसीय यूएई यात्रा शिक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिहाज से बेहद अहम रही। यात्रा के पहले दिन उन्होंने अबू धाबी स्थित आईआईटी दिल्ली के कैंपस का दौरा किया। यहां उन्होंने पीएचडी और बी-टेक जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत की और संस्थान की भविष्य की योजनाओं को लेकर विस्तृत जानकारी ली।
विशेषज्ञों का कहना है कि आईआईटी और आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित भारतीय संस्थानों के विदेशों में कैंपस खुलने से भारत की शिक्षा प्रणाली की प्रतिष्ठा और बढ़ेगी। इससे न केवल भारतीय छात्रों को अवसर मिलेगा बल्कि विदेशों के विद्यार्थी भी भारत की अकादमिक ताकत का लाभ उठा पाएंगे। यह कदम ‘भारतीय भावना, वैश्विक दृष्टिकोण’ को मूर्त रूप देने वाला साबित होगा।