अहमदाबाद न्यूज डेस्क: शहर के स्कूलों में 10वीं कक्षा के छात्र की सहपाठी द्वारा कथित हत्या के दो हफ्ते बाद सुरक्षा और अनुशासन को लेकर व्यापक बदलाव किए गए हैं। इस घटना ने स्कूल परिसरों में छात्रों द्वारा लाई जाने वाली चीज़ों और बदमाशी के मामलों पर कड़ी निगरानी लागू करने की ज़रूरत को उजागर किया है। अब कई स्कूलों ने बैग-चेकिंग के सख्त नियम लागू किए हैं, सहकर्मी सहायता कार्यक्रम शुरू किए हैं और नियमित काउंसलिंग सत्र अनिवार्य कर दिए हैं।
स्कूलों ने अब बदमाशी और उत्पीड़न की घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया है। उदगम स्कूल फॉर चिल्ड्रन चेन के कार्यकारी निदेशक मनन चोकसी ने बताया कि अब उत्पीड़न (harassment) को भी शामिल करते हुए नए नियम बनाए गए हैं। स्वर्णिम इंटरनेशनल स्कूल की महानिदेशक नैशी चौहान ने बताया कि अब औचक और बार-बार बैग-चेकिंग की नीति अपनाई गई है और पहले कुछ छात्र क्राफ्ट या कक्षा के लिए लाई जाने वाली कैंची भी अब पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई हैं।
प्रकाश हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल मृगेन शाह ने इस घटना को ‘वेक-अप कॉल’ बताया और कहा कि शिक्षकों को किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत ध्यान देने और छात्रों से बातचीत करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर स्कूलों में अनुशासन समितियाँ बनाई गई हैं, जिनमें छात्र और अभिभावक भी शामिल हैं। शिक्षकों को अब सीसीटीवी फुटेज की नियमित निगरानी और छात्रों के गुस्से व आक्रामकता प्रबंधन पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने की जिम्मेदारी दी गई है।
हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ कड़े नियम लागू करने से समस्या हल नहीं होगी। डीएवी इंटरनेशनल स्कूल की पूर्व प्रिंसिपल डॉ. निवेदिता गांगुली ने सुझाव दिया कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना और शिक्षकों एवं अभिभावकों का सहयोग महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि स्कूलों के नए कदम अहमदाबाद के जिला शिक्षा अधिकारी रोहित चौधरी द्वारा आयोजित ‘चिंतन बैठक’ के बाद लागू किए गए हैं, जिसमें 1800 निजी स्कूलों के प्रिंसिपल और प्रबंधन ने भाग लिया।