अहमदाबाद न्यूज डेस्क: अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो गाजा के पीड़ित होने का दिखावा करके मस्जिदों से पैसे वसूल रहा था। इस मामले में अली मेघात अलजाहर नामक एक सीरियाई नागरिक को गिरफ्तार किया गया है, जो टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था। शुरुआती पूछताछ में पता चला कि आरोपी एकत्रित धन का इस्तेमाल खुद की ऐशो-आराम भरी जिंदगी जीने के लिए कर रहा था। पुलिस का कहना है कि उसके तीन साथी अब भी फरार हैं और उनकी तलाश जारी है।
क्राइम ब्रांच ने बताया कि इस तरह की गतिविधियां देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। आरोपी वीजा नियमों का उल्लंघन कर रहा था और संदिग्ध गतिविधियों में शामिल था। फिलहाल जांच चल रही है कि एकत्रित धन का असली उद्देश्य क्या था। राज्य और केंद्रीय एजेंसियों की सहयोगी टीम मामले की जांच कर रही है। अली मेघात को हिरासत में लेकर जल्द ही ब्लैकलिस्ट और डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पुलिस के मुताबिक, अली मेधात अल-ज़हर दमास्कस का निवासी है और स्वयं को सीया मुस्लिम बता रहा है। वह अहमदाबाद के एक होटल में रुका हुआ था, जहां से उसे गिरफ्तार किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी के शरीर पर युद्ध से लगे घावों के निशान हैं, जिन्हें वह खुद युद्ध में लगी चोट बताने का दावा कर रहा है।
पुलिस ने बताया कि गिरोह के अन्य फरार सदस्य झकरीया अलजर, अहमदा अल्हबश और युसेफ अलजहर फिलहाल पकड़ से बाहर हैं। ये सभी लोग पहले लेबनान में एकत्र हुए थे और फिर भारत पहुंचे। पुलिस उन्हें जल्द ही पकड़ने के लिए व्यापक स्तर पर तलाश कर रही है।