अहमदाबाद न्यूज डेस्क: अदानी ग्रुप को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। कानून एवं न्याय मंत्रालय ने अहमदाबाद कोर्ट को निर्देश दिया है कि गौतम अदानी को समन और नोटिस भेजा जाए। मंत्रालय ने कोर्ट को 25 फरवरी को पत्र भेजा, जिसमें यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि नोटिस अदानी तक पहुंचे। अहमदाबाद जिला कोर्ट रजिस्ट्रार और पब्लिक प्रॉसिक्यूटर से इस मामले में प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, लेकिन किसी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया क्योंकि यह मामला अभी विचाराधीन है। सूत्रों के मुताबिक, कोर्ट ने गौतम अदानी को नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्द ही इसे जारी किया जाएगा।
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला विदेशी कोर्ट से जुड़ा है, इसलिए इसे जल्द से जल्द निपटाना आवश्यक है। यह पूरा मामला अदानी ग्रीन और Azure कंपनियों से जुड़ा है, जिन्होंने अमेरिकी निवेशकों को आकर्षित किया था। हालांकि, इन कंपनियों पर यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट लेने के लिए भ्रष्ट तरीकों का सहारा लिया। अमेरिकी अभियोजकों ने पिछले साल नवंबर में आरोप लगाया था कि गौतम अदानी और उनके भतीजे सागर अदानी ने भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स हासिल किए।
अमेरिकी जांच एजेंसियों के अनुसार, 2020 से 2024 के बीच अदानी ग्रुप ने कथित तौर पर 25 करोड़ डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी थी। इस मामले में गौतम अदानी, सागर अदानी, विनीत जैन समेत कुल सात लोगों पर चार्ज फ्रेम किया गया था। अमेरिकी अभियोजकों का कहना है कि इन सभी ने कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए अनैतिक तरीके अपनाए और भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी।
इसके अलावा, अदानी ग्रुप पर अमेरिकी, विदेशी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोलकर धन जुटाने का भी आरोप है। 2020 से 2024 के बीच, इन लोगों ने भारत सरकार से कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने की योजना बनाई थी। इस प्रोजेक्ट से 20 साल में 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा के मुनाफे की उम्मीद थी।
कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों के मुताबिक, गौतम अदानी और उनके सहयोगियों ने एफबीआई, ग्रैंड जूरी और यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) की जांच को बाधित करने की भी साजिश रची। आरोप है कि सागर अदानी ने रिश्वत से जुड़े लेन-देन को ट्रैक करने के लिए अपने फोन का इस्तेमाल किया। अदानी ग्रुप ने करीब 2 बिलियन डॉलर के दो अमेरिकी डॉलर आधारित सिंडिकेट लोन भी जुटाए थे। इस पूरे मामले पर अब अदालत की निगरानी में जांच जारी है।