ताजा खबर
'नेहरू ने जानबूझकर मां दुर्गा के श्लोक हटाये', वंदे मातरम को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना   ||    लूव्र म्यूजियम के सर्विलांस सिस्टम का पासवर्ड निकला इतना कमजोर, 850 करोड़ की चोरी में खुलासा   ||    भारत-पाक के बीच सीजफायर पर ट्रंप का नया दावा, मारे गिराए गए विमानों पर क्या कहा?   ||    गर्लफ्रेंड से करनी थी शादी, बनाया मास्टरप्लान, पत्नी का ही बना लिया अश्लील वीडियो… बोला- 10 लाख दे त...   ||    बिहार चुनाव 2025: रिकॉर्ड वोटिंग का धमाका, नीतीश की सत्ता हिलेगी या तेजस्वी का खेल बिगड़ेगा?   ||    काम के प्रेशर से परेशान नर्स ने किया दिल दहलाने वाला काम, 10 मरीजों को सुलाया मौत की नींद   ||    व्हाइट हाउस में मची अफरा-तफरी, ट्रंप के ठीक पीछे खड़ा व्यक्ति अचानक बेहोश होकर गिरा; जानें फिर क्या ...   ||    ‘पायलटों को दोषी नहीं ठहरा सकते…’, अहमदाबाद प्लेन क्रैश में पुन: जांच के लिए SC ने केंद्र-DGCA को दि...   ||    Exclusive: 100 करोड़ वाले DSP ऋषिकांत शुक्ला का पहला बयान, हिस्ट्रीशीटर मनोहर शुक्ला और सपा पर लगाए ...   ||    इस देश के पास नहीं है एक भी सोने की खदान, फ‍िर है दुनिया के चौथे सबसे बड़े स्वर्ण भंडार का माल‍िक   ||   

सुप्रीम कोर्ट ने 30 हफ्ते की प्रेग्नेंसी में अबॉर्शन की इजाजत देने वाला फैसला पलटा, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Monday, April 29, 2024

मुंबई, 29 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट ने 14 साल की रेप विक्टिम को 30 हफ्ते की प्रेग्नेंसी में अबॉर्शन की इजाजत देने वाला फैसला पलट दिया है। कोर्ट ने 22 अप्रैल को लड़की के अबॉर्शन की इजाजत दी थी। कोर्ट ने ये फैसला लड़की के माता-पिता के अनुरोध के बाद पलटा। लड़की के पेरेंट्स ने कहा कि इस प्रोसिजर से उनकी बेटी की जिंदगी को खतरा हो सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि हम बच्चे को पालने के लिए तैयार हैं। पेरेंट्स से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करने के बाद CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि बच्चे का हित सबसे ऊपर है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 22 अप्रैल को मुंबई के लोकमान्य तिलक अस्पताल को तत्काल अबॉर्शन के लिए इंतजाम करने का आदेश दिया था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने आदेश सुनाते हुए कहा था, हम अबॉर्शन की इजाजत इसलिए दे रहे हैं, क्योंकि यह असाधारण मामला है। हर घंटा विक्टिम के लिए अहम है। बेंच ने मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि प्रेग्नेंसी जारी रखने से विक्टिम की मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर असर पड़ेगा। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अबॉर्शन कराने में थोड़ा रिस्क तो है, लेकिन प्रेग्नेंसी जारी रखने में और भी बड़ा रिस्क है।

आपको बता दें, नाबालिग की मां ने पहले बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। 4 अप्रैल को बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग को अबॉर्शन की इजाजत नहीं दी। इसके बाद लड़की की मां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को मामले में सुनवाई की और हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए नाबालिग का मेडिकल चेकअप कराने का आदेश दिया था। इस मामले में IPC की धारा 376 और POCSO एक्ट में केस दर्ज है। CJI चंद्रचूड़ की बेंच ने 19 अप्रैल की सुनवाई में कहा था कि यौन उत्पीड़न को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने जिस मेडिकल रिपोर्ट पर भरोसा किया, वह नाबालिग पीड़ित की शारीरिक और मानसिक कंडीशन का आकलन करने में विफल रही है। तो वहीं, इस सुनवाई में बेंच ने निर्देश दिया था कि महाराष्ट्र सरकार याचिकाकर्ता और उसकी नाबालिग बेटी को सेफ्टी के साथ अस्पताल ले जाना तय करे। जांच के लिए गठित मेडिकल बोर्ड इस बात पर भी राय दे कि क्या नाबालिग के जीवन को खतरे में डाले बिना अबॉर्शन किया जा सकता है। यही मेडिकल रिपोर्ट आज कोर्ट में पेश की गई, जिसके आधार पर फैसला सुनाया गया। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) एक्ट के तहत, किसी भी शादीशुदा महिला, रेप विक्टिम, दिव्यांग महिला और नाबालिग लड़की को 24 हफ्ते तक की प्रेग्नेंसी अबॉर्ट करने की इजाजत दी जाती है। 24 हफ्ते से ज्यादा प्रेग्नेंसी होने पर मेडिकल बोर्ड की सलाह पर कोर्ट से अबॉर्शन की इजाजत लेनी पड़ती है। MTP एक्ट में बदलाव साल 2020 में किया गया था। उससे पहले 1971 में बना कानून लागू होता था।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.