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शादी से मना करना सुसाइड के लिए उकसाना नहीं, बॉम्बे हाईकोर्ट ने युवक को किया बरी, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Friday, January 17, 2025

मुंबई, 17 जनवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर स्थित बेंच ने महिला को सुसाइड के लिए उकसाने के मामले में कहा, सिर्फ इसलिए कि पुरुष ने रिलेशनशिप को खत्म कर दिया और फिर महिला ने सुसाइड कर लिया तो शख्स पर सुसाइड के लिए उकसाने का मामला दर्ज नहीं किया जा सकता। जस्टिस उर्मिला जोशी-फाल्के ने ऐसे ही मामले में 26 वर्षीय युवक को बरी किया। उस पर एक महिला को सुसाइड के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया था। जिसके साथ वह 9 साल से रिलेशनशिप में था। उसने इस मामले में बुलढाणा जिले के खामगांव सेशन कोर्ट के बरी नहीं करने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जज ने कहा, जांच में कहीं भी ये नहीं है कि शख्स ने मृतक महिला को सुसाइड करने के लिए उकसाया था। सबूतों से पता लगा है कि ब्रेकअप के बाद भी दोनों के बीच बातचीत जारी थी। अगर शख्स ने उससे शादी करने से मना कर दिया था तो यह महिला को सुसाइड करने के लिए उकसाने या उसके बराबर नहीं होगा।

वहीं, बेंच ने कहा, न तो सुसाइड नोट और न ही वॉट्सएप चैट से यह पता चलता है कि उस शख्स ने शादी का वादा कर फिजिकल रिलेशन बनाए और उसके बाद उनका रिश्ता टूट हो। मृतका ने ब्रेकअप के तुरंत बाद सुसाइड नहीं किया था। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच जुलाई 2020 में ही ब्रेकअप हो गया था जबकि मृतका ने 3 दिसंबर, 2020 को सुसाइड किया था। इसका मतलब है कि ब्रेकअप और सुसाइड के बीच कोई संबंध नहीं है। तो वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिसंबर को एक मामले में कहा था कि व्यक्ति पर किसी की आत्महत्या के लिए उकसाने का दोष तभी लगाया जा सकता है, जब इसका पुख्ता सबूत हो। सिर्फ प्रताड़ना का आरोप इसके लिए काफी नहीं है। यह टिप्पणी विक्रम नाथ और पीबी वराले की पीठ ने गुजरात हाईकोर्ट के एक फैसले पर सुनवाई के दौरान की थी।

दरअसल, गुजरात हाईकोर्ट ने एक महिला के उत्पीड़न और उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में उसके पति और ससुराल वालों को बरी करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के इस फैसले को पलटते हुए उन्हें महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप से बरी किया। सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई थी जब बेंगलुरु में 34 साल के IT इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या का मामला चर्चा में था। अतुल ने 24 पेज के सुसाइड नोट में अपनी पत्नी और उसके घरवालों पर उसे प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था। इसके आधार पर बेंगलुरु पुलिस ने उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है।


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