ताजा खबर
दीपिका पादुकोण का ‘कल्कि 2898 एडी’ सीक्वल से बाहर होने पर नाग आश्विन ने लिखा एक क्रिप्टिक पोस्ट   ||    ‘लॉर्ड कर्ज़न की हवेली’: रहस्य, ह्यूमर और देसी ट्विस्ट से भरपूर डिनर पार्टी को मिली रिलीज़ डेट!   ||    कांतारा चैप्टर 1 का ट्रेलर इस दिन होगा रिलीज़   ||    19 सितंबर का इतिहास: भारत और विश्व में घटित प्रमुख घटनाएं   ||    Fact Check: राहुल गांधी के खिलाफ मल्लिकार्जुन खरगे ने दिया बयान? यहां जानें वायरल Video का सच   ||    Aaj Ka Rashifal: मेष से लेकर मीन राशिवालों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन? पढ़ें 19 सितंबर 2025 का राशि...   ||    India vs Oman: फिर होगा 18 साल पहले जैसा चमत्कार? अभिषेक शर्मा के पास गुरु युवराज सिंह को ‘दक्षिणा’ ...   ||    बेस्ट थ्रो के बाद भी मेडल से चूके सचिन यादव, अगर ऐसा होता तो पक्का था पदक, पढ़ें इनसाइड स्टोरी   ||    Asia Cup 2025: एक दो नहीं पूरे 5 मैच खेल सकती है टीम इंडिया, नोट कर लीजिए शेड्यूल   ||    Gold Rate : नवरात्र से पहले सोने के रेट में तगड़ी गिरावट, एक ही दिन में इतने गिरे दाम   ||   

दीक्षांत समारोह में DMK नेता की पत्नी ने राज्यपाल से डिग्री लेने से किया इंकार, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Wednesday, August 13, 2025

मुंबई, 13 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। तमिलनाडु की मनोनमनियम सुंदरनार यूनिवर्सिटी (MSU) में बुधवार को आयोजित 32वें दीक्षांत समारोह के दौरान एक अलग तरह का वाकया सामने आया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद राज्यपाल आरएन रवि सभी पासआउट छात्रों को डिग्री प्रदान कर रहे थे, लेकिन DMK के नागरकोइल डिप्टी सेक्रेटरी एम. राजन की पत्नी जीन जोसेफ ने राज्यपाल के हाथ से डिग्री लेने से मना कर दिया और उनकी जगह कुलपति से डिग्री प्राप्त की। यह घटना उस समय हुई जब जीन जोसेफ मंच पर डिग्री लेने पहुंचीं। राज्यपाल रवि मुस्कुराते हुए उन्हें पास आने का संकेत देते दिखे, लेकिन उन्होंने नजरअंदाज करते हुए सीधे कुलपति के पास जाकर डिग्री ली और “थैंक यू” कहा। जवाब में राज्यपाल ने सिर हिलाकर प्रतिक्रिया दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

तमिलनाडु में राज्यपाल और DMK सरकार के बीच कानून निर्माण को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। राज्यपाल ने पहले DMK सरकार के 10 बिल रोक दिए थे, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया। हाल ही में, 3 जून को राज्यपाल ने सरकार के दो बिलों को मंजूरी दी, जिस पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने टिप्पणी की कि यह मंजूरी मिलनी ही थी, क्योंकि अगर राज्यपाल फिर से रोकते तो सरकार सुप्रीम कोर्ट चली जाती। इससे पहले 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपालों के अधिकार की सीमा तय करते हुए कहा था कि राज्यपाल के पास किसी भी बिल पर वीटो पावर नहीं है और उन्हें संवैधानिक रूप से बाधा उत्पन्न करने के बजाय मार्गदर्शक और सहयोगी की भूमिका निभानी चाहिए। वहीं, इस साल 6 जनवरी को विधानसभा सत्र के पहले दिन राज्यपाल रवि ने राष्ट्रगान के मुद्दे पर विवाद के चलते बिना संबोधन के सदन से वॉकआउट कर दिया था, जिसे मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने लोकतांत्रिक परंपराओं का उल्लंघन बताया था।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.