शिवसेना (यूबीटी) ने एक बार फिर कांग्रेस को निशाने पर लिया है, खासकर हाल ही में अहमदाबाद में आयोजित कांग्रेस के अधिवेशन को लेकर। शिवसेना (UBT) ने शनिवार को अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा कि कांग्रेस को सिर्फ अपनी पार्टी के बारे में नहीं, बल्कि विपक्षी गठबंधन "इंडिया ब्लॉक" की स्थिति पर भी चर्चा करनी चाहिए थी। पार्टी ने आरोप लगाया कि अहमदाबाद में कांग्रेस ने केवल अपने मुद्दों पर बात की और विपक्षी गठबंधन के भविष्य पर कोई चर्चा नहीं की।
कांग्रेस को इंडिया ब्लॉक पर जवाब देना चाहिए
शिवसेना (UBT) ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद विपक्षी गठबंधन की स्थिति पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अहमदाबाद अधिवेशन में कांग्रेस को इस पर बात करनी चाहिए थी। "क्या इंडिया ब्लॉक का भविष्य स्पष्ट है? क्या यह गठबंधन अब धरती में दब चुका है या हवा में उड़ गया है?" शिवसेना (UBT) ने सवाल उठाया और इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से जवाब की मांग की।
हार का स्वागत करेगी कांग्रेस?
शिवसेना (UBT) ने कांग्रेस के रुख पर भी सवाल उठाए। पार्टी ने कहा, "क्या कांग्रेस फिर से हार का स्वागत करेगी?" शिवसेना (UBT) ने बिहार, गुजरात और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इन राज्यों में आगामी चुनावों में अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।
मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश पर ध्यान देने की सलाह
शिवसेना (UBT) ने कहा कि कांग्रेस ने अहमदाबाद में अपना अधिवेशन किया, लेकिन गुजरात में 2014 के बाद से पार्टी को कोई खास सफलता नहीं मिली है। पार्टी ने कांग्रेस से अपील की कि वह मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में भी प्रयास बढ़ाए, जहां आगामी चुनावों में पार्टी के लिए संभावनाएं बन सकती हैं।
अहमदाबाद अधिवेशन का महत्व
कांग्रेस ने 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में अपना अधिवेशन आयोजित किया था, जहां पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और विपक्षी नेता राहुल गांधी सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। यह अधिवेशन कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक थी, क्योंकि पार्टी गुजरात में लगभग 20 वर्षों से सत्ता से बाहर है और 2024 के लोकसभा चुनावों की रणनीति तैयार कर रही है।
निष्कर्ष:
शिवसेना (UBT) ने कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन पर सवाल उठाते हुए इंडिया ब्लॉक की स्थिति पर ध्यान देने की मांग की है। पार्टी ने कांग्रेस से 2024 लोकसभा चुनाव के लिए स्पष्ट रणनीति और विपक्षी गठबंधन की स्थिति पर जवाब देने की अपेक्षा जताई है।