ताजा खबर
अहमदाबाद हादसे के बाद एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का अनावरण टला   ||    एअर इंडिया हादसे का वीडियो बनाने वाला 17 साल का आर्यन, पुलिस ने दर्ज किया बयान   ||    LIVE Weather News 14 June 2025: आज से बदल सकता है दिल्ली में मौसम का मिजाज, किन राज्यों में लू का अल...   ||    ‘खराब फ्यूल हो सकता है हादसे का कारण…’, Ahmedabad Plane Crash पर क्या बोले विशेषज्ञ   ||    LIVE आज की ताजा खबर, हिंदी न्यूज Aaj Ki Taaza Khabar, 14 जून 2025: अहमदाबाद पहुंचे पूर्व CM विजय रुप...   ||    अहमदाबाद प्लेन क्रैश पर आया एअर इंडिया के CEO का बयान, जांच को लेकर कही ये बात   ||    Ahmedabad Plane Crash LIVE Update: डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल देने आएंगे पूर्व सीएम रूपाणी के बेटे   ||    1 दो नहीं 7 बार सोनम-राज ने रची थी साजिश, पहले 2 प्लान हो जाते सफल तो ना जाती राजा की जान   ||    LIVE Israel Iran War Updates: ईरान के समर्थन में आया चीन, इजरायल के हवाई हमलों को बताया संप्रभुता को...   ||    लॉस एंजेलिस में बिगड़े हालात, अमेरिका ने 200 मरीन जवान किए तैनात   ||   

पूर्व उपराष्ट्रपति कृष्णकांत के गांव को भूली सरकारें, विकास कार्य पड़े ठप

Photo Source :

Posted On:Thursday, July 27, 2023

27 जुलाई को, हम एक प्रतिष्ठित राजनेता और ज्ञान के प्रतीक, दिवंगत उपराष्ट्रपति कृष्णकांत को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। कृष्णकांत ने 1997 से 2002 तक भारत के 10वें उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया और देश के राजनीतिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी। सार्वजनिक सेवा के प्रति उनके समर्पण और प्रतिबद्धता से उन्हें व्यापक सम्मान और प्रशंसा मिली। अपनी राजनीतिक भूमिका से परे, वह अपनी विनम्रता, सत्यनिष्ठा और दयालु स्वभाव के लिए जाने जाते थे, जिसने उन्हें जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों का प्रिय बना दिया।

उपराष्ट्रपति कृष्णकांत की राजनीतिक यात्रा उल्लेखनीय से कम नहीं है। उन्होंने सबसे पहले एक गतिशील और करिश्माई नेता के रूप में देश का ध्यान आकर्षित किया, और तेजी से कांग्रेस पार्टी में आगे बढ़े। महान इंदिरा गांधी के साथ उनके जुड़ाव ने राजनीतिक परिदृश्य में उनके प्रभाव और प्रतिष्ठा को और बढ़ाया।अपने पूरे कार्यकाल के दौरान कृष्णकांत लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहे। सार्वजनिक सेवा के प्रति उनका समर्पण उनके द्वारा की गई कई पहलों में स्पष्ट था, जिसका उद्देश्य वंचितों के उत्थान और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देना था।

उनकी सबसे स्थायी विरासतों में से एक शिक्षा सुधार के लिए उनकी वकालत थी। ज्ञान की परिवर्तनकारी शक्ति को पहचानते हुए, कृष्णकांत ने सभी नागरिकों के लिए बेहतर शैक्षिक अवसरों और संसाधनों की लगातार वकालत की। एक प्रबुद्ध और सशक्त राष्ट्र का उनका दृष्टिकोण जनता के बीच गहराई से प्रतिध्वनित हुआ।इसके अलावा, उपराष्ट्रपति कृष्णकांत विविधता और एकता के समर्थक थे। उन्हें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक टेपेस्ट्री की ताकत पर दृढ़ विश्वास था और उन्होंने विभिन्न समुदायों के बीच सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किया। सामाजिक एकता को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों ने देश के ताने-बाने को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कृष्णकांत के आकस्मिक निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। जैसे ही उनके निधन की खबर फैली, देश के कोने-कोने से भावभीनी श्रद्धांजलि आने लगी। विभिन्न राजनीतिक क्षेत्रों के नेताओं के साथ-साथ आम नागरिकों ने भी एक सच्चे राजनेता और दयालु इंसान के निधन पर शोक व्यक्त किया।उपराष्ट्रपति कृष्णकांत के जीवन और कार्य ने भारतीय राजनीतिक इतिहास के इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उनका समर्पण, दूरदर्शी नेतृत्व और देश की प्रगति के प्रति अटूट प्रतिबद्धता आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। जैसे ही हम इस महान नेता को विदाई देते हैं, हम हमारे समाज पर उनके गहरे प्रभाव और उनके द्वारा छोड़ी गई स्थायी विरासत का भी जश्न मनाते हैं।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.