देश और पड़ोसी इलाकों में भूकंप के झटकों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। आज सुबह म्यांमार और भारत के मेघालय में एक बार फिर भूकंप के झटकों ने लोगों को दहशत में डाल दिया। सुबह-सुबह जब अधिकांश लोग नींद में थे, तभी धरती कांप उठी और लोग घरों से बाहर निकल आए।
म्यांमार में सुबह 3 बजे आया भूकंप
म्यांमार में शुक्रवार तड़के करीब 3 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई, जो भले ही मध्यम श्रेणी की हो, लेकिन हाल के दिनों में बार-बार आ रहे झटकों के कारण स्थानीय लोग काफी डरे हुए हैं।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, इस भूकंप का एपिसेंटर म्यांमार में ही धरती के 10 किलोमीटर नीचे पाया गया। हालांकि अब तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है, लेकिन बीते कुछ हफ्तों में आए झटकों ने लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार आ रहे इन छोटे-छोटे भूकंपों को 'सीस्मिक एक्टिविटी' की चेतावनी के तौर पर देखा जाना चाहिए और प्रशासन को सतर्क रहना चाहिए।
29 मार्च के बाद से लगातार आ रहे झटके
गौरतलब है कि 29 मार्च को म्यांमार में एक बड़ा भूकंप आया था, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया था। उसके बाद से अब तक लगातार हल्के झटकों का सिलसिला जारी है। कल भी म्यांमार में भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई थी।
भूकंप विशेषज्ञों का कहना है कि यह क्षेत्र सिस्मिक जोन 3 और 4 में आता है, जहां टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल सामान्य से अधिक पाई जाती है। ऐसे में किसी बड़े भूकंप की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
भारत के मेघालय में भी महसूस हुए झटके
म्यांमार के अलावा भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय में भी आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 2.7 मापी गई और इसका केंद्र ईस्ट गारो हिल्स जिले में धरती के 10 किलोमीटर नीचे था।
हालांकि यह झटका काफी हल्का था और इससे किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन स्थानीय लोगों ने झटकों को साफ तौर पर महसूस किया और एहतियातन घरों से बाहर निकल आए।
यह लगातार दूसरा दिन है जब मेघालय में भूकंप के झटके महसूस किए गए। बीते दिन यहां रिक्टर स्केल पर 3.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। दो दिनों में दो झटकों ने स्थानीय प्रशासन और नागरिकों की चिंता बढ़ा दी है।
लोगों में डर का माहौल
भूकंप की तीव्रता चाहे कम रही हो, लेकिन लगातार आ रहे झटकों ने लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है। लोग रात को चैन से सो नहीं पा रहे हैं। खासकर 29 मार्च के बड़े भूकंप के बाद, म्यांमार और भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है।
म्यांमार और मेघालय जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में भूकंप के झटके अक्सर भूस्खलन, इमारतों के ढहने और संचार प्रणाली के बाधित होने जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही अभी कोई नुकसान नहीं हुआ हो, लेकिन प्रशासन को पूरी तरह तैयार रहना चाहिए।
भूकंप संभावित क्षेत्रों में अलर्ट
भूकंप से जुड़े वैज्ञानिक संस्थानों और विशेषज्ञों ने इन क्षेत्रों को अलर्ट पर रहने की सलाह दी है। विशेषकर उत्तर-पूर्वी भारत, जो भूकंप की दृष्टि से सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में गिना जाता है, वहां स्थानीय प्रशासन, डिजास्टर मैनेजमेंट टीमें और आम नागरिकों को जागरूक और तैयार रहना चाहिए।
सरकार और प्रशासन द्वारा अलर्ट जारी करने, आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर सक्रिय रखने, और भूकंप बचाव अभ्यास कराने की ज़रूरत है ताकि किसी भी संभावित खतरे से निपटा जा सके।
निष्कर्ष
भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं कब और कैसे आएंगी, इसका सटीक अनुमान लगाना कठिन होता है, लेकिन लगातार आने वाले झटके एक चेतावनी जरूर हैं। आज म्यांमार और भारत के मेघालय में महसूस किए गए भूकंप भले ही मामूली रहे हों, लेकिन इनसे जुड़ी चिंता और तैयारी की ज़रूरत को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।