ताजा खबर
साउथ गोवा में पर्यटक का ऑनलाइन कैब सफर बना बुरा अनुभव, तीन ड्राइवरों पर FIR दर्ज   ||    एयर इंडिया फ्लाइट 171 हादसा: सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में मांगी स्वतंत्र जांच   ||    दीपिका पादुकोण का ‘कल्कि 2898 एडी’ सीक्वल से बाहर होने पर नाग आश्विन ने लिखा एक क्रिप्टिक पोस्ट   ||    ‘लॉर्ड कर्ज़न की हवेली’: रहस्य, ह्यूमर और देसी ट्विस्ट से भरपूर डिनर पार्टी को मिली रिलीज़ डेट!   ||    कांतारा चैप्टर 1 का ट्रेलर इस दिन होगा रिलीज़   ||    19 सितंबर का इतिहास: भारत और विश्व में घटित प्रमुख घटनाएं   ||    Fact Check: राहुल गांधी के खिलाफ मल्लिकार्जुन खरगे ने दिया बयान? यहां जानें वायरल Video का सच   ||    Aaj Ka Rashifal: मेष से लेकर मीन राशिवालों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन? पढ़ें 19 सितंबर 2025 का राशि...   ||    India vs Oman: फिर होगा 18 साल पहले जैसा चमत्कार? अभिषेक शर्मा के पास गुरु युवराज सिंह को ‘दक्षिणा’ ...   ||    बेस्ट थ्रो के बाद भी मेडल से चूके सचिन यादव, अगर ऐसा होता तो पक्का था पदक, पढ़ें इनसाइड स्टोरी   ||   

बालासोर यौन उत्पीड़न केस: जिंदगी की जंग हार गई छात्रा, 3 दिन मौत से जूझने के बाद AIIMS भुवनेश्वर में तोड़ा दम

Photo Source :

Posted On:Tuesday, July 15, 2025

ओडिशा के बालासोर में एक छात्रा ने यौन उत्पीड़न का विरोध करते हुए अपनी जान देने का नाटकीय और दुखद कदम उठाया। छात्रा ने आत्मदाह कर लिया, जिसमें उसका करीब 95 फीसदी शरीर जल गया। गंभीर हालत में उसे भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के बर्न सेंटर में भर्ती कराया गया, लेकिन तीन दिन की जंग के बाद 14 जुलाई 2025 की रात लगभग 11:45 बजे उसने दम तोड़ दिया। यह घटना पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाली है और महिलाओं के प्रति हिंसा और उत्पीड़न के खिलाफ गंभीर प्रश्न खड़े करती है।

आत्मदाह की घटना और तत्काल प्रतिक्रिया

12 जुलाई को हुए आत्मदाह के बाद छात्रा की हालत बेहद नाजुक थी। डॉक्टरों ने कहा था कि लड़की का शरीर 95 फीसदी जल चुका है, और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। बर्न सेंटर के चिकित्सकों ने हर संभव इलाज किया, लेकिन कड़ी मेहनत और प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। घटना के बाद अस्पताल में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी पहुंचीं और पीड़िता का हालचाल जाना।

एम्स भुवनेश्वर के बर्न सेंटर के एक अधिकारी ने कहा, “छात्रा को दवाइयों के जरिए जीवित रखने की कोशिश की गई, लेकिन 14 जुलाई की रात उसे चिकित्सकीय रूप से मृत घोषित कर दिया गया।” इस दुखद घटना के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री चरण मांझी ने कहा है कि दोषियों को कठोरतम सजा दिलाई जाएगी।

छात्रा की पीड़ा और शिकायत

छात्रा पिछले कुछ दिनों से यौन उत्पीड़न का शिकार हो रही थी। उसने संबंधित अधिकारियों और पुलिस में इस बारे में शिकायत भी दर्ज कराई थी, लेकिन उचित कार्रवाई न होने की वजह से वह मानसिक रूप से टूट गई। बालासोर में यह मामला इसलिए और भी गंभीर हो गया क्योंकि पीड़िता ने न केवल उत्पीड़न का विरोध किया बल्कि आखिरी रास्ता आत्मदाह चुना, जो कि एक दुखद प्रतीक है कि हमारे समाज में महिलाओं की सुरक्षा कितनी नाजुक है।

राजनीति और सामाजिक प्रतिक्रिया

इस घटना ने राजनीतिक गलियारों और समाज में व्यापक हलचल मचा दी है। बीजेडी का एक प्रतिनिधिमंडल बालासोर की इस पीड़िता के मामले को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने पहुंचा। बीजेडी नेता सुलता देव ने कहा, "यह बहुत शर्मनाक है कि ओडिशा में महिलाओं और आदिवासियों के खिलाफ लगातार अत्याचार हो रहे हैं।" बीजेडी की नेता स्नेहांगिनी छुरिया ने कहा, “बालासोर की पीड़िता की किसी ने नहीं सुनी, इसलिए उसने अपनी जान देने का फैसला किया। अब ओडिशा में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा ‘बेटी पढ़ाओ बेटी जलाओ’ में बदल गया है।”

इस त्रासदी ने पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन भड़काए हैं। लोग सड़कों पर उतर कर न्याय की मांग कर रहे हैं और सरकार से कड़े कदम उठाने की अपील कर रहे हैं।

महिला सुरक्षा की चुनौती और सुधार की जरूरत

बालासोर की इस छात्रा की घटना महिलाओं के खिलाफ बढ़ते यौन उत्पीड़न और हिंसा की गंभीर समस्या को उजागर करती है। यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा के लिए क्या-क्या कदम उठाए जाने चाहिए। सिर्फ कड़े कानूनों से ही काम नहीं चलेगा, बल्कि समाज को महिलाओं के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता विकसित करनी होगी।

शिक्षा, जागरूकता और सामाजिक मूल्य तभी सुधरेंगे जब हम महिला उत्पीड़न के खिलाफ सभी स्तरों पर मिलकर काम करेंगे। स्कूल, कॉलेज, कार्यस्थल और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है। इसके लिए सरकार और नागरिक समाज दोनों को मिलकर ठोस पहल करनी होगी।

निष्कर्ष

बालासोर की छात्रा की आत्महत्या न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। यह घटना यह दिखाती है कि यौन उत्पीड़न और महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने में हमें अभी बहुत कुछ करना है। पीड़िता को न्याय दिलाना तो जरूरी है ही, साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में कोई और महिला इस तरह की पीड़ा न सहनी पड़े।

सरकार को चाहिए कि वह यौन अपराधों की जांच तेज करे, दोषियों को सख्त सजा दिलाए और महिलाओं की सुरक्षा के लिए मजबूत कानून बनाए। साथ ही समाज को भी चाहिए कि वह महिलाओं के अधिकारों और सम्मान के प्रति संवेदनशील बने। तभी हम एक ऐसे समाज की कल्पना कर सकते हैं, जहां हर लड़की और महिला सुरक्षित और सम्मानित महसूस कर सके।

इस दुखद घटना ने सभी को यह याद दिलाया है कि ‘बेटी बचाना’ और ‘बेटी पढ़ाना’ के साथ-साथ ‘बेटी को सुरक्षित रखना’ भी उतना ही जरूरी है। बालासोर की छात्रा की जान न तो व्यर्थ गई है, न उसकी पीड़ा। यह हम सबके लिए एक कड़ी सीख और संघर्ष का आह्वान है।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.