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सोनम हनीमून केस में 3 को मिली बेल-पलट गया खेल, बेसुध हुई राजा रघुवंशी की मां

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Posted On:Monday, July 21, 2025

इंदौर के चर्चित कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में ताजा घटनाक्रम ने एक बार फिर से चर्चा का विषय बना दिया है। राजा की हत्या के मुख्य आरोपियों में से तीन आरोपियों को जमानत मिलने के बाद से शिलांग पुलिस की जांच की गुणवत्ता और निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं। इस मामले में राजा के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है, खासकर उनकी मां उमा रघुवंशी, जो आरोपियों को जमानत मिलने की खबर सुनते ही बेसुध हो गईं। वहीं राजा के बड़े भाई विपिन रघुवंशी ने आरोप लगाया है कि सोनम का भाई राजा को न्याय दिलाने की प्रक्रिया में बाधा डाल रहा है। उन्होंने कहा है कि अगर राजा को न्याय नहीं मिला तो उनका परिवार सामूहिक आत्महत्या करने पर मजबूर होगा।

आरोपियों को मिली जमानत पर उठे सवाल

राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में जमानत मिलने के बाद से परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों में निराशा का माहौल है। राजा के भाई विपिन रघुवंशी ने शिलांग पुलिस की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अभी चार्जशीट तक दाखिल नहीं हुई है, फिर तीनों आरोपियों को जमानत कैसे मिली? विपिन ने साफ कहा है कि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए हाईकोर्ट और जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे। उनका यह भी कहना है कि जब तक राजा के हत्यारोपियों को सजा नहीं मिलेगी, तब तक उनके भाई की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी।

इन तीनों आरोपियों में लोकेंद्र तोमर, बलवीर अहिरवार और सिलोम जेम्स शामिल हैं। इनके खिलाफ केस अभी तक कोर्ट में चल रहा है, लेकिन जमानत मिलने की वजह से मामला और उलझता नजर आ रहा है। परिवार के लोग आरोप लगा रहे हैं कि सोनम के भाई गोविंद रघुवंशी इस मामले में दोषियों को बचाने के लिए लगातार प्रभाव डाल रहे हैं।

सोनम के परिवार की प्रतिक्रिया

राजा रघुवंशी की पत्नी सोनम के पिता ने पहले ही कहा था कि उनकी बेटी बेकसूर है और जब तक वे खुद सोनम से बात नहीं कर लेते, तब तक उसे हत्या का दोषी नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर सोनम दोषी साबित हुई तो वे उससे सभी रिश्ते तोड़ देंगे।

वहीं, इस विवाद के बीच सोनम के भाई गोविंद ने दहेज में मिली गहनों को राजा के बड़े भाई विपिन रघुवंशी को सौंप दिया था, जो पहले विवाद का कारण बने थे। सोनम के पिता का कहना था कि गहने वापस लेने का उनका कोई इरादा नहीं है और यह गहने उनकी बेटी के लिए एक तरह का दान हैं।

यह विवाद इस बात को भी उजागर करता है कि परिवार के अंदर भी इस मामले को लेकर मतभेद और तनाव बढ़ रहे हैं, जो जांच और न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।

शिलांग में 23 मई को क्या हुआ था?

23 मई 2025 को राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम हनीमून पर शिलांग गए थे। इसी दिन कपल लापता हो गया था। इसके बाद 2 जून को राजा का शव बरामद हुआ, जिससे मामला गंभीर हो गया। शुरुआत में ऐसा माना जा रहा था कि सोनम के साथ भी कोई अनहोनी हुई होगी, लेकिन जब सोनम 8 जून को यूपी के गाजीपुर से पुलिस के सामने आईं, तो मामले का रुख पूरी तरह बदल गया।

शिलांग पुलिस की जांच के मुताबिक, सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा और तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर अपने पति की हत्या करवाई। पुलिस ने सोनम और आरोपियों को गिरफ्तार कर शिलांग जेल भेज दिया। इसके बाद से पुलिस लगातार सोनम से रिमांड पर पूछताछ कर रही है।

मामले की जांच और अगली कार्रवाई

इस केस में अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है, लेकिन लगातार जांच में प्रगति हो रही है। हालांकि, जमानत मिलने के बाद से जांच की निष्पक्षता और प्रभावशीलता पर सवाल खड़े हो गए हैं। राजा के परिवार ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जाने की बात कही है ताकि न्याय की प्रक्रिया सही तरीके से पूरी हो।

परिवार की नाराजगी के बीच पुलिस को भी इस मामले में संवेदनशीलता और तेजी से कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि आरोपियों को कानून के अनुसार सजा मिल सके और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।

सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण

राजा रघुवंशी हत्या मामला केवल एक आपराधिक केस नहीं, बल्कि परिवारिक और सामाजिक जटिलताओं से जुड़ा हुआ है। इसमें दहेज, प्रेम, धोखा, और पारिवारिक विवाद की झलक साफ नजर आती है। ऐसे मामलों में जांच एजेंसियों को पूरी तरह निष्पक्ष और तेज कार्रवाई करनी होती है ताकि अपराधी न्याय के कटघरे में आ सकें और पीड़ित परिवार को राहत मिले।

साथ ही, जमानत मिलने जैसी घटनाएं सार्वजनिक विश्वास को कमजोर करती हैं। न्याय व्यवस्था में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना बेहद जरूरी है ताकि समाज में कानून के प्रति भरोसा बना रहे।


निष्कर्ष:
राजा रघुवंशी हत्या मामले में आरोपियों को मिली जमानत ने पूरे मामले को नई चुनौती दी है। राजा के परिवार की न्याय की मांग और शिलांग पुलिस की जांच पर उठ रहे सवाल इस केस की गंभीरता को दर्शाते हैं। अब जरूरत है कि जांच एजेंसियां पूरी निष्पक्षता और संवेदनशीलता के साथ जांच करें और न्यायालय उचित फैसला लेकर इस विवाद को खत्म करे। तभी राजा के परिवार को न्याय मिलेगा और कानून का राज कायम रहेगा।


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