ताजा खबर
बांके बिहारी मंदिर में दिल्ली के श्रद्धालु की मौत: दर्शन के समय घबराहट हुई, बेहोश होकर गिरे... फिर उ...   ||    ‘सभी तीर्थस्थलों को वंदे भारत नेटवर्क से जोड़ा…’, वाराणसी में ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने पर बोले पीए...   ||    DNA के खोजकर्ता जेम्स वॉटसन का निधन, 1962 में मिला था नोबेल पुरस्कार   ||    उत्तर कोरिया ने दी हमले की धमकी, US-दक्षिण कोरिया सुरक्षा बैठक पर भड़के रक्षा मंत्री   ||    फैक्ट चेक: अमेरिकी झंडे फेंकने का ये वीडियो 2023 का है, ममदानी की जीत से इसका नहीं है कोई लेना-देना   ||    IND vs AUS 5th T20I: सीरीज अपने नाम करने के इरादे से उतरेगी टीम इंडिया, ऐसी होगी प्लेइंग 11   ||    Top 10 Fastest Trains: ये हैं दुनिया की 10 सबसे तेज ट्रेनें, नंबर 1 पर जापान नहीं, इस देश का है नाम   ||    आज का इतिहास: कैसे और किसने की थी X-Ray की एक्सीडेंटल खोज, जानें कैसे एक चमक ने बदल दी दुनिया   ||    ‘संजू सैमसन ने अपना स्थान खो दिया…’ पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने उठाई आवाज   ||    IND vs AUS: क्या 5वें टी20 मैच के लिए बदल जाएगी टीम इंडिया की प्लेइंग XI? जानें कौन अंदर और कौन बाहर   ||   

Aaj ka Panchang: आज गणाधिप संकष्टी चतुर्थी और सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत पर मंडराया भद्रा का साया, शुभ मुहूर्त जानने के लिए पढ़ें 8 नवंबर का पंचांग

Photo Source :

Posted On:Saturday, November 8, 2025

Aaj Ka Panchang 8 November 2025: सनातन धर्मावलंबियों के लिए गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत सौभाग्य सुंदरी तीज के व्रत जितना ही महत्वपूर्ण है। गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है। उन्हें मिठाई का भोग लगाना शुभ माना जाता है। वहीं, महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए सौभाग्य सुंदरी तीज का व्रत रखती हैं। द्रुख पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 8 नवंबर 2025 को ये दोनों पर्व एक साथ पड़ रहे हैं, जिसका अर्थ है कि आज न केवल सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत, बल्कि भगवान गणेश की पूजा भी शुभ रहेगी। आइए अब 8 नवंबर 2025 के पंचांग के बारे में जानते हैं।
Samvat

मार्गशीर्ष माह की यह संकष्टी चतुर्थी 'गणाधिप संकष्टी चतुर्थी' कहलाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चतुर्थी तिथि प्रातः 07 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो रही है, जिसके बाद चतुर्थी तिथि का आरंभ हो रहा है, इसलिए व्रत का पालन आज ही किया जा रहा है। विशेष बात यह है कि शनिवार को चतुर्थी होने के कारण इसे कुछ पंचांगों में 'अंगारकी संकष्टी चतुर्थी' के समान फलदायी भी माना जा रहा है, जो अत्यंत दुर्लभ और शुभ योग है। इस दिन व्रत रखने से गणेश जी की कृपा कई गुना बढ़ जाती है और सभी विघ्न दूर होते हैं।

नवग्रहों की स्थिति

  • मीन राशि- शनि ग्रह
  • सिंह राशि- केतु ग्रह
  • कुंभ राशि- राहु ग्रह
  • कर्क राशि- देवगुरु बृहस्पति ग्रह
  • तुला राशि- शुक्र ग्रह और सूर्य ग्रह
  • वृश्चिक राशि- मंगल ग्रह और बुध ग्रह
  • वृषभ राशि और मिथुन राशि- चंद्र ग्रह (संचार)

इसके साथ ही, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को सौभाग्य सुंदरी तीज का व्रत भी रखा जा रहा है। उदया तिथि के अनुसार, यह व्रत 8 नवंबर को मान्य है। यह व्रत विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की लंबी आयु, सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं, जिसमें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बना रहता है।

भद्रा का साया: शुभ कार्यों में सावधानी जरूरी

आज के पंचांग की एक बड़ी खबर यह है कि गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के दिन भद्रा का अशुभ काल भी रहेगा। पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक है, और इस अवधि में भद्राकाल रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में भद्रा काल को अशुभ माना जाता है, और इसमें किसी भी प्रकार के मांगलिक या शुभ कार्य करने की मनाही होती है। भद्रा का वास सुबह सूर्योदय से लेकर तृतीया तिथि की समाप्ति यानी 07 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। हालांकि, चूंकि संकष्टी चतुर्थी और सौभाग्य सुंदरी तीज दोनों ही व्रत हैं, इसलिए व्रत-पूजन से जुड़े मुख्य कार्य, जैसे कि कथा का पाठ या उपवास का संकल्प, भद्राकाल समाप्त होने के बाद ही शुरू करने की सलाह दी जाती है।

व्रत-पूजन के लिए शुभ मुहूर्त

भद्रा के प्रभाव को देखते हुए, भक्तों को शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखना होगा। संकष्टी चतुर्थी का व्रत चंद्र दर्शन के बिना अधूरा माना जाता है। आज चंद्रोदय का समय लगभग संध्याकाल 08 बजकर 01 मिनट पर है। व्रती महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत का पारण करेंगी। सौभाग्य सुंदरी तीज के लिए प्रातःकालीन पूजा का शुभ मुहूर्त भद्राकाल समाप्त होने के बाद ही लाभकारी होगा। पूजा के लिए अभिजित मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 25 मिनट तक अत्यंत शुभ है, जिसमें पूजा-पाठ या नई योजना की शुरुआत करना फलदायी हो सकता है।

समग्र रूप से, आज का दिन भक्तों के लिए श्रद्धा और संयम का दिन है। भद्रा के साये के बावजूद, शुभ मुहूर्त और सही विधि से किए गए व्रत और पूजन से भगवान गणेश और माता पार्वती की असीम कृपा प्राप्त होगी, जिससे जीवन के सभी संकट दूर होंगे और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.