ताजा खबर
साउथ गोवा में पर्यटक का ऑनलाइन कैब सफर बना बुरा अनुभव, तीन ड्राइवरों पर FIR दर्ज   ||    एयर इंडिया फ्लाइट 171 हादसा: सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में मांगी स्वतंत्र जांच   ||    दीपिका पादुकोण का ‘कल्कि 2898 एडी’ सीक्वल से बाहर होने पर नाग आश्विन ने लिखा एक क्रिप्टिक पोस्ट   ||    ‘लॉर्ड कर्ज़न की हवेली’: रहस्य, ह्यूमर और देसी ट्विस्ट से भरपूर डिनर पार्टी को मिली रिलीज़ डेट!   ||    कांतारा चैप्टर 1 का ट्रेलर इस दिन होगा रिलीज़   ||    19 सितंबर का इतिहास: भारत और विश्व में घटित प्रमुख घटनाएं   ||    Fact Check: राहुल गांधी के खिलाफ मल्लिकार्जुन खरगे ने दिया बयान? यहां जानें वायरल Video का सच   ||    Aaj Ka Rashifal: मेष से लेकर मीन राशिवालों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन? पढ़ें 19 सितंबर 2025 का राशि...   ||    India vs Oman: फिर होगा 18 साल पहले जैसा चमत्कार? अभिषेक शर्मा के पास गुरु युवराज सिंह को ‘दक्षिणा’ ...   ||    बेस्ट थ्रो के बाद भी मेडल से चूके सचिन यादव, अगर ऐसा होता तो पक्का था पदक, पढ़ें इनसाइड स्टोरी   ||   

कैसे हुआ अमेरिका-चाइना टैरिफ वॉर खत्म? ट्रंप के बाद व्हाइट हाउस ने भी की पुष्टि

Photo Source :

Posted On:Thursday, June 12, 2025

भारत द्वारा हाल ही में अंजाम दिए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान की रणनीतिक और सैन्य सोच में भूचाल ला दिया है। इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान को न सिर्फ सैन्य मोर्चे पर बल्कि आर्थिक और राजनीतिक मोर्चों पर भी झकझोर कर रख दिया। शहबाज शरीफ सरकार ने जवाबी रणनीति के तहत देश के वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में रक्षा खर्च को 18-20 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। इसका अर्थ है कि पाकिस्तान अब रक्षा पर 2.55 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये (लगभग 9 अरब डॉलर) खर्च करेगा। लेकिन यह निर्णय ऐसे समय लिया गया है जब देश कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है और आर्थिक रूप से बेहद अस्थिर स्थिति में है।


भारत से तनाव और ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव

भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की सीमाओं में घुसकर आतंकवाद के अड्डों को निशाना बनाया, जिससे पाकिस्तान की रक्षा तैयारियों पर सवाल उठने लगे। इस घटना के बाद पाकिस्तान की सेना और सरकार ने मिलकर एक ही दिशा में सोचते हुए रक्षा बजट बढ़ाने का फैसला किया। सरकार की सोच यह है कि भारत की बढ़ती सैन्य ताकत के मुकाबले तैयार रहना जरूरी है। हालांकि, भारत का रक्षा बजट लगभग 75-80 अरब डॉलर है, जबकि पाकिस्तान की आर्थिक हालत के मुताबिक 9 अरब डॉलर भी अत्यधिक और अस्थायी बोझ है।


आतंकवाद और आंतरिक अस्थिरता

पाकिस्तान न सिर्फ बाहरी खतरे बल्कि भीतरू आतंकवाद से भी जूझ रहा है। खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान, और अन्य क्षेत्रों में TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) और अलगाववादी संगठनों की बढ़ती सक्रियता सरकार के लिए गंभीर संकट बनी हुई है। यही कारण है कि सरकार ने रक्षा बजट में वृद्धि को इन खतरों से निपटने की आवश्यकता बताया है।


सैन्य आधुनिकीकरण की दौड़

बजट का बड़ा हिस्सा ड्रोन तकनीक, मिसाइल रक्षा प्रणाली, और अन्य आधुनिक हथियारों की खरीद पर खर्च किया जाएगा। पाकिस्तान, चीन जैसे देशों से उन्नत सैन्य उपकरण खरीदने की तैयारी कर रहा है। इसका उद्देश्य यह बताया गया है कि क्षेत्रीय शक्ति संतुलन बनाए रखा जाए। लेकिन यह स्पष्ट है कि सैन्य आधुनिकीकरण की यह हड़बड़ी केवल बाहरी दबाव का परिणाम नहीं, बल्कि आंतरिक सत्ता संतुलन की भी आवश्यकता है।


आईएमएफ कर्ज और फौज को प्राथमिकता

यह बेहद विचित्र स्थिति है कि पाकिस्तान एक ओर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेलआउट पैकेज मांग रहा है और दूसरी ओर फौज को प्राथमिकता देते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास योजनाओं के बजट में कटौती कर रहा है। इस फैसले से यह बात खुलकर सामने आती है कि पाकिस्तान की नीति निर्धारण प्रक्रिया में सेना का वर्चस्व कितना गहरा है।


शिक्षा और सामाजिक विकास पर संकट

पाकिस्तान की GDP वृद्धि दर 2.6% रही है, लेकिन रक्षा बजट में 20% तक की वृद्धि कर दी गई है। सामाजिक कल्याण क्षेत्रों के 2550 अरब रुपये डायवर्ट कर दिए गए हैं, जिससे शिक्षा और स्वास्थ्य बजट में लगभग 20% की सीधी कटौती की गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि आम जनता की जरूरतें पीछे रह गई हैं और सैन्य प्राथमिकता सबसे ऊपर है।


बढ़ता कर्ज और डूबती अर्थव्यवस्था

11 जून को पाक वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब द्वारा पेश किए गए इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 के अनुसार, पाकिस्तान का कुल कर्ज अब 76,000 अरब पाकिस्तानी रुपये को पार कर चुका है। ऐसे में, रक्षा बजट बढ़ाना आर्थिक आत्मघाती कदम कहा जा सकता है। आम जनता पहले से ही महंगाई, बेरोजगारी और बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रही है, और अब उन्हें और भी संकट झेलने होंगे।


निष्कर्ष

ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था को जिस प्रकार चुनौती दी, उससे यह स्पष्ट हो गया कि देश को अपनी सैन्य रणनीतियों पर पुनर्विचार करना होगा। लेकिन आर्थिक दिवालियेपन के दौर में रक्षा बजट को प्राथमिकता देना एक अस्थायी समाधान हो सकता है, न कि दीर्घकालिक विकास की रणनीति। जब तक पाकिस्तान आंतरिक स्थिरता, शिक्षा, और आर्थिक सुधारों पर ध्यान नहीं देगा, तब तक कोई भी सैन्य आधुनिकीकरण सतही साबित होगा।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.