अहमदाबाद न्यूज डेस्क: शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि गुजरात के अहमदाबाद में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को लेकर चर्चा होनी चाहिए थी, लेकिन पार्टी ने सिर्फ खुद पर फोकस किया। सामना के संपादकीय में लिखा गया कि लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन की स्थिति पर देशभर में सवाल उठ रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस को आगे आकर जवाब देना चाहिए था। क्या इंडिया गठबंधन खत्म हो गया है? क्या उसे दफन कर दिया गया है? इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
शिवसेना ने आगे कहा कि कांग्रेस गुजरात, बिहार और बंगाल जैसे राज्यों में बार-बार एक जैसी गलतियां दोहरा रही है। बिहार में जहां आरजेडी प्रमुख सहयोगी है, वहीं गुजरात और बंगाल में आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस जैसे सहयोगी दल चुनावी मैदान में हैं। शिवसेना ने तंज कसते हुए पूछा कि क्या कांग्रेस फिर से हार के लिए तैयार है? गुजरात में अधिवेशन से भी कोई चुनावी फायदा नहीं हुआ। मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को अभी और मेहनत करनी होगी, जबकि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद विधानसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार मिली।
संपादकीय के अंत में शिवसेना ने कांग्रेस को चेताया कि अगर वो इंडिया गठबंधन के साथी दलों के खिलाफ चुनाव लड़ने की रणनीति अपनाती है, तो इससे सिर्फ बीजेपी को फायदा होगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए सामना में लिखा गया कि कुछ कांग्रेसी नेता सोच रहे थे कि दिल्ली में कांग्रेस के लिए रास्ता खुल गया है, लेकिन ऐसा नहीं है। हमें बीजेपी से लड़ना है, अपने सहयोगियों से नहीं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन फायदे का सौदा साबित हो सकता था।