अहमदाबाद न्यूज डेस्क: गुजरात के बाद अब महाराष्ट्र में भी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना का काम तेजी पकड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जापान दौरे के बाद एनएचएसआरसीएल ने मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल के ट्रैक निर्माण के लिए मेसर्स लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के साथ समझौते की घोषणा की। इसके तहत महाराष्ट्र राज्य में डबल लाइन हाई-स्पीड रेल के ट्रैक और संबंधित कार्यों के डिजाइन, आपूर्ति और निर्माण का जिम्मा एलएंडटी को दिया गया है।
एमओयू के अनुसार, 157 किलोमीटर लंबे महाराष्ट्र रूट में चार स्टेशनों का निर्माण शामिल है, जिसमें ठाणे में रोलिंग स्टॉक डिपो भी शामिल है। गुजरात में पैकेज टी-2 और टी-3 के तहत 200 किलोमीटर से अधिक वायाडक्ट पर निर्माण तेजी से चल रहा है। इस परियोजना की कुल लंबाई 508 किलोमीटर है, जिसमें 352 किलोमीटर गुजरात में और 156 किलोमीटर महाराष्ट्र में है।
बुलेट ट्रेन के ट्रैक में जापानी शिंकानसेन प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। इसमें आरसी ट्रैक बेड, सीमेंट-एस्फाल्ट मोर्टार, प्री-कास्ट ट्रैक स्लैब और फास्टनर्स के साथ रेल शामिल हैं। एनएचएसआरसीएल ने भारतीय इंजीनियरों और पर्यवेक्षकों को जापानी तकनीक पर व्यापक प्रशिक्षण दिया है। गुजरात में पहले ही 436 इंजीनियरों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है और महाराष्ट्र में भी ट्रैक निर्माण शुरू होने से पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा।
8 सितंबर 2025 तक प्रोजेक्ट की प्रगति काफी प्रभावशाली रही है। 320 किलोमीटर वायाडक्ट का निर्माण पूरा हो चुका है, 397 किलोमीटर पियर्स और 408 किलोमीटर पियर्स की फाउंडेशन तैयार है। 17 नदी पुल, 9 स्टील ब्रिज और 5 प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट ब्रिज बन चुके हैं। 203 किलोमीटर मार्ग पर 4 लाख नॉइज बैरियर लगाए गए हैं और 202 किलोमीटर ट्रैक बेड तैयार हो चुका है। महाराष्ट्र में बीकेसी और शिलफाटा के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग और पालघर जिले में 7 पर्वतीय सुरंगों पर खुदाई का काम जारी है। सभी एलिवेटेड स्टेशनों और मुंबई भूमिगत स्टेशन पर बेस स्लैब कास्टिंग का कार्य भी प्रगति पर है।