अहमदाबाद न्यूज डेस्क: 12 जून 2025 का दिन भारतीय और अंतरराष्ट्रीय इतिहास में शायद ही कोई भुला पाए। अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन जा रहे एक प्लेन का क्रैश होना इस दिन की सबसे बड़ी त्रासदी बन गई। उड़ान भरते ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, और इसमें सवार 260 लोगों में केवल एक यात्री ही जिंदा बचा। तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक वह यात्री अपने घर ब्रिटेन लौट नहीं पाए हैं। उनके परिवार का कहना है कि शायद अब वह कभी घर नहीं लौटेंगे।
अहमदाबाद विमान हादसे में जिंदा बचे विश्वास कुमार रमेश (40) थे। हादसे के बाद उनकी पत्नी हीरल और चार साल का बेटा ब्रिटेन से भारत आए और विश्वास कुमार के पास कुछ समय रुके, लेकिन फिर लौट गए। विश्वास अब भी भारत में अपने रिश्तेदार के घर हैं। उनके बहनोई के अनुसार, विश्वास अब भी घातक हादसे के सदमे से उबर नहीं पाए हैं, और उन्हें लगता है कि वे अब कभी अपने पारिवारिक घर नहीं लौट पाएंगे।
विश्वास कुमार को विमान यात्रा का इतना डर है कि वह अब किसी भी प्लेन में बैठने के लिए तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि वह ब्रिटेन लौटने से भी डर रहे हैं। उनके परिवार की कोशिशों के बावजूद, उनका भय उन्हें अब तक घर वापसी से रोक रहा है।
हादसे का कारण यह था कि गैटविक जाने वाले बोइंग 787 विमान का इंजन अहमदाबाद से रवाना होने के कुछ ही सेकंड बाद बंद हो गया। विमान पास के मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में जाकर गिरा। विश्वास कुमार 11A सीट पर बैठे थे और रेंगकर विमान से बाहर निकलने में सफल रहे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनके चेहरे और सीने पर लगी चोटों का इलाज किया गया। हादसे में उनके भाई अजय (35) समेत 241 यात्री मारे गए, जिनमें 52 ब्रिटिश नागरिक और 19 अन्य लोग शामिल थे।