अहमदाबाद न्यूज डेस्क: अहमदाबाद के गांधीनगर सत्र न्यायालय ने 25 वर्षीय महिला को नवजात शिशु के जन्म की जानकारी छिपाने और उसके शव को गुप्त रूप से ठिकाने लगाने के मामले में दोषी ठहराया है। अदालत ने आईपीसी की धारा 318 के तहत उसे दो साल कैद और 15,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई, जबकि हत्या के आरोप से बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि यह साबित नहीं हुआ कि बच्चे को जन्म के बाद मार दिया गया था।
मामला साल 2023 का है, जब अहमदाबाद के चांदखेड़ा इलाके में महिला ने बहुमंजिला इमारत की नौवीं मंजिल से नवजात को नीचे फेंक दिया था। बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और जांच शुरू कर दी।
जांच के दौरान पुलिस ने महिला को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने अपना अपराध कबूल किया। महिला ने बताया कि पहले उसकी शादी हुई थी लेकिन तलाक हो गया। इसके बाद उसके एक अन्य व्यक्ति से संबंध बने, जिससे वह गर्भवती हो गई।
महिला ने पुलिस को बताया कि बाथरूम में डिलीवरी के समय वह घबरा गई और बच्चे को बाथरूम की खिड़की से नीचे फेंक दिया। पुलिस के अनुसार, नवजात करीब आठ माह का था और वह बालक था।