ताजा खबर
19 सितंबर का इतिहास: भारत और विश्व में घटित प्रमुख घटनाएं   ||    Fact Check: राहुल गांधी के खिलाफ मल्लिकार्जुन खरगे ने दिया बयान? यहां जानें वायरल Video का सच   ||    Aaj Ka Rashifal: मेष से लेकर मीन राशिवालों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन? पढ़ें 19 सितंबर 2025 का राशि...   ||    India vs Oman: फिर होगा 18 साल पहले जैसा चमत्कार? अभिषेक शर्मा के पास गुरु युवराज सिंह को ‘दक्षिणा’ ...   ||    बेस्ट थ्रो के बाद भी मेडल से चूके सचिन यादव, अगर ऐसा होता तो पक्का था पदक, पढ़ें इनसाइड स्टोरी   ||    Asia Cup 2025: एक दो नहीं पूरे 5 मैच खेल सकती है टीम इंडिया, नोट कर लीजिए शेड्यूल   ||    Gold Rate : नवरात्र से पहले सोने के रेट में तगड़ी गिरावट, एक ही दिन में इतने गिरे दाम   ||    SEBI ने अडाणी समूह को दी क्लीन चिट, कहा- ‘किसी नियम का नहीं हुआ उल्लंघन’   ||    US Fed Rate Cut : अमेरिका ने घटाई ब्याज दरें, भारत पर क्या होगा इसका असर?   ||    गांधीनगर में प्रशासन ने चलाया मेगा डिमोलिशन अभियान, 1 लाख वर्ग मीटर अवैध अतिक्रमण हटाया   ||   

एफएएफओ पेरेंटिंग: बच्चों को उनके हाल पर छोड़ना या उन्हें आत्मनिर्भर बनाना

Photo Source :

Posted On:Wednesday, September 17, 2025

मुंबई, 17 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) "बच्चे हैं, गलती करेंगे ही" — यह सोच अक्सर भारतीय माता-पिता को अपने बच्चों को मुश्किलों से बचाने के लिए प्रेरित करती है। लेकिन क्या होगा अगर हम बच्चों को उनकी गलतियों से खुद सीखने दें? "एफएएफओ पेरेंटिंग" (FAFO Parenting) नामक यह नया ट्रेंड इसी विचार पर आधारित है, जिसका मतलब है "फ अराउंड एंड फाइंड आउट" यानी "गलती करो और उसका परिणाम भुगतो"। यह एक ऐसा तरीका है जो बच्चों को प्राकृतिक परिणामों के माध्यम से जवाबदेही, लचीलापन और बेहतर निर्णय लेने की कला सिखाता है।

यह पेरेंटिंग स्टाइल माता-पिता को बार-बार सलाह देने या बच्चों से मोलभाव करने की थकान से मुक्ति दिलाता है। मान लीजिए, एक बच्चा समय पर खाना नहीं खाता और उसका खाना ठंडा हो जाता है। एफएएफओ पेरेंटिंग के तहत, माता-पिता उसे गर्म करने के बजाय ठंडा खाना खाने देते हैं, जिससे बच्चा अगली बार समय का महत्व समझता है। यह कोई लापरवाही नहीं है, बल्कि बच्चे पर यह भरोसा जताना है कि वह अपनी गलतियों से सीख सकता है।

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, एफएएफओ पेरेंटिंग के सिद्धांत जीन पियाजे और लेव वायगोत्स्की जैसे प्रसिद्ध विचारकों के सिद्धांतों से मेल खाते हैं, जिन्होंने सक्रिय रूप से खोज करके सीखने पर जोर दिया था। हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि यह तरीका केवल तभी काम करता है जब असफलता के बाद माता-पिता बच्चे को डांटने या शर्मिंदा करने के बजाय प्यार और सहानुभूति से मिलते हैं।

यह आधुनिक पेरेंटिंग स्टाइल हमारे पुराने मुहावरे "जैसी करनी, वैसी भरनी" का ही एक नया रूप है। यह उन माता-पिता के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है, जो अक्सर बच्चों को हर तरह की कठिनाई से बचाना चाहते हैं। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यह तरीका हर स्थिति में लागू नहीं होता, खासकर जब बच्चे की सुरक्षा खतरे में हो।

निष्कर्ष यह है कि एफएएफओ पेरेंटिंग का सही संतुलन खोजना ज़रूरी है। बच्चों को खुद से सीखने देना और साथ ही, उनके प्रति दयालु और सहयोगी बने रहना ही एक सफल और आत्मनिर्भर बच्चे के निर्माण की कुंजी है।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.