ताजा खबर
19 सितंबर का इतिहास: भारत और विश्व में घटित प्रमुख घटनाएं   ||    Fact Check: राहुल गांधी के खिलाफ मल्लिकार्जुन खरगे ने दिया बयान? यहां जानें वायरल Video का सच   ||    Aaj Ka Rashifal: मेष से लेकर मीन राशिवालों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन? पढ़ें 19 सितंबर 2025 का राशि...   ||    India vs Oman: फिर होगा 18 साल पहले जैसा चमत्कार? अभिषेक शर्मा के पास गुरु युवराज सिंह को ‘दक्षिणा’ ...   ||    बेस्ट थ्रो के बाद भी मेडल से चूके सचिन यादव, अगर ऐसा होता तो पक्का था पदक, पढ़ें इनसाइड स्टोरी   ||    Asia Cup 2025: एक दो नहीं पूरे 5 मैच खेल सकती है टीम इंडिया, नोट कर लीजिए शेड्यूल   ||    Gold Rate : नवरात्र से पहले सोने के रेट में तगड़ी गिरावट, एक ही दिन में इतने गिरे दाम   ||    SEBI ने अडाणी समूह को दी क्लीन चिट, कहा- ‘किसी नियम का नहीं हुआ उल्लंघन’   ||    US Fed Rate Cut : अमेरिका ने घटाई ब्याज दरें, भारत पर क्या होगा इसका असर?   ||    गांधीनगर में प्रशासन ने चलाया मेगा डिमोलिशन अभियान, 1 लाख वर्ग मीटर अवैध अतिक्रमण हटाया   ||   

दोनों हाथों से लिखने की कला: क्या यह रचनात्मकता को बढ़ा सकती है? आप भी जानें

Photo Source :

Posted On:Monday, September 1, 2025

मुंबई, 1 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) अक्सर हम सोचते हैं कि केवल एक हाथ से लिखना ही सामान्य है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दोनों हाथों से लिखने का अभ्यास आपकी रचनात्मकता और सोचने की क्षमता को कितना बदल सकता है? हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि उभयहस्तता (Ambidexterity), यानी दोनों हाथों का समान रूप से उपयोग करने की क्षमता, मस्तिष्क के दोनों गोलार्धों को सक्रिय करके रचनात्मकता को बढ़ावा दे सकती है।

डॉ. मुरली कृष्णा, जो कि केयर हॉस्पिटल्स के एक जाने-माने न्यूरोलॉजिस्ट हैं, बताते हैं कि जब हम दोनों हाथों का इस्तेमाल करते हैं, तो यह हमारे दिमाग के तार्किक (बाएं) और रचनात्मक (दाएं) हिस्सों के बीच समन्वय स्थापित करने में मदद करता है। यह समन्वय हमें समस्याओं को नए और अपरंपरागत तरीकों से देखने की क्षमता देता है, जिससे हमारी रचनात्मक सोच और कलात्मक अभिव्यक्ति में सुधार होता है।

शोध के अनुसार, उभयहस्तता का अभ्यास करने से संज्ञानात्मक लचीलापन (cognitive flexibility) और समस्या-समाधान की क्षमता में भी वृद्धि होती है। यह दिमाग को एक ही समय में कई कार्यों को संभालने के लिए प्रशिक्षित करता है, जिससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है।

हालांकि, यह भी ध्यान रखना ज़रूरी है कि यह अभ्यास हर किसी के लिए एक जैसा परिणाम नहीं देता है। कुछ लोगों में यह रचनात्मकता को बढ़ा सकता है, जबकि दूसरों में इसका प्रभाव कम हो सकता है। इसके अलावा, जबरदस्ती दोनों हाथों से लिखने का प्रयास करने से तनाव, शारीरिक थकान और प्रेरणा में कमी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

यह भी दिलचस्प है कि जो लोग स्वाभाविक रूप से उभयहस्त होते हैं, उनमें बेहतर अनुकूलन क्षमता और लचीलापन होता है, लेकिन कुछ अध्ययनों के अनुसार, उनकी मौखिक स्मृति (verbal memory) और प्रसंस्करण गति (processing speed) थोड़ी कम हो सकती है।

कुल मिलाकर, दोनों हाथों से लिखने की कला एक अद्भुत अभ्यास है जो दिमाग को नई दिशाओं में सोचने के लिए प्रेरित कर सकती है। हालांकि, इसे जबरदस्ती करने के बजाय धीरे-धीरे और सावधानीपूर्वक अपनाना चाहिए। यह आपकी रचनात्मकता की सीमाओं को पार करने का एक नया और अनोखा तरीका हो सकता है।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.