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अंदर ही अंदर उबल रहा है ईरान, 92 प्रतिशत लोग अली खामेनेई से नाराज, राष्ट्रपति कार्यालय की रिपोर्ट में खुलासा

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Posted On:Friday, November 14, 2025

ईरान में जनता का गुस्सा और असंतोष अब चरम पर पहुँच चुका है। राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा कराए गए एक हालिया सर्वेक्षण में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि देश की 92 प्रतिशत जनता मौजूदा आर्थिक और राजनीतिक स्थिति से असंतुष्ट है। यह आंकड़ा इस बात का अब तक का सबसे बड़ा और स्पष्ट संकेत है कि ईरानी सरकार और उसके नागरिकों के बीच भरोसे की दीवार तेज़ी से दरक रही है।

निराशाजनक सरकारी प्रदर्शन

यह सर्वेक्षणराष्ट्रपति मसूद पजेश्कियन के 16 प्रांतों के दौरे के दौरान किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य जनता की राय जानना और स्थानीय अधिकारियों के काम का मूल्यांकन करना था। सर्वेक्षण के परिणाम सरकारी प्रदर्शन को लेकर गंभीर निराशा व्यक्त करते हैं:

  • सांसदों का प्रदर्शन: 59 प्रतिशत प्रतिभागियों ने सांसदों के प्रदर्शन को निराशाजनक बताया।

  • प्रांतीय अधिकारियों: स्थानीय प्रांतीय अधिकारियों को भी जनता द्वारा औसतन कमजोर रेटिंग दी गई है।

92% का असंतोष दिखाता है कि सक्रिय सरकारें भी जनता का भरोसा खो रही हैं, और यह राष्ट्रपति पजेश्कियन की सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है—जनता का भरोसा वापस जीतना और अर्थव्यवस्था को स्थिर करना।

पस्त अर्थव्यवस्था और सामाजिक संकट

ईरान की अर्थव्यवस्था पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए सख्त प्रतिबंधों से बुरी तरह प्रभावित है, जिसने सामाजिक और राजनीतिक तनाव को बढ़ाया है।

  • आर्थिक सूचकांक: तेल निर्यात में गिरावट और मुद्रा की कीमत में तेज़ गिरावट ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। ईरानी रियाल ने अपनी 59 प्रतिशत कीमत खो दी है, जबकि आधिकारिक मुद्रास्फीति (महंगाई) 40 प्रतिशत से ऊपर पहुँच गई है।

  • गरीबी और बेरोज़गारी: बीते एक साल में गरीबी रेखा 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है। एक अनुमान के अनुसार, ईरान के लगभग 40 प्रतिशत नागरिक गरीबी रेखा से नीचे जीवन बिता रहे हैं। वहीं, बेरोज़गारी दर 12 प्रतिशत से ऊपर है, जो सीमावर्ती इलाकों में और भी अधिक है। गैर-सरकारी अनुमानों के अनुसार, वास्तविक महंगाई दर 40 प्रतिशत से कहीं अधिक है, जिसने आम जनता की क्रय शक्ति को बुरी तरह प्रभावित किया है।

  • इजराइल संघर्ष का प्रभाव: इजराइल के साथ चले 12 दिन के युद्ध के दौरान ईरान को काफी नुकसान हुआ। इस छोटे लेकिन महंगे युद्ध ने ईरान और अमेरिका के बीच चल रही किसी भी संभावित बातचीत को भी धुंधला कर दिया है, जिससे ईरान घरेलू संकटों और प्रतिबंधों से निपटने में उलझा हुआ है।

आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि सामाजिक और राजनीतिक तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए ईरान को अब मूलभूत आर्थिक सुधार और व्यवहारिक कदमों की सख्त जरूरत है। राष्ट्रपति पजेश्कियन की सरकार के सामने यह असंतोष एक बड़ी चुनौती पेश करता है।


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