अहमदाबाद न्यूज डेस्क: एक वरिष्ठ वकील ने कोर्ट में बताया कि उन्होंने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि वे इस प्रक्रिया में शामिल हैं और साथ ही यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट में भी विचाराधीन है, जहां मूल कंपनी ने इस फैसले को चुनौती दी है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि उन्होंने प्रक्रिया को चुनौती नहीं दी थी बल्कि केवल अंतरिम राहत की मांग की थी।
उन्होंने बताया कि यह याचिका मध्यस्थता और सुलह अधिनियम की धारा 9 के तहत दायर की गई थी, जो अदालत से अंतरिम उपायों की मांग करने की अनुमति देती है। इस याचिका का उद्देश्य टर्मिनेशन (समाप्ति) को रोकना नहीं था, बल्कि मौजूदा अनुबंध को सुरक्षित रखना और नए ग्राउंड हैंडलर की नियुक्ति से जुड़ी प्रक्रिया को रोका जाना था, ताकि कोई अंतिम फैसला जल्दबाज़ी में न हो।
याचिकाकर्ता की सहयोगी कंपनी सेलेबी नैस एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड पहले से ही मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक समान अनुबंध के तहत काम कर रही है। उन्होंने बताया कि इस मामले में भी बॉम्बे हाई कोर्ट में धारा 9 के तहत याचिका दायर की गई थी। अहमदाबाद हवाई अड्डे की बात करें तो वहां तीन ऑपरेटर सेवाएं संभाल रहे हैं और इनमें से एक, इंडो थाई, को कार्य पहले ही सौंपा जा चुका है। प्रतिवादी पक्ष ने ही इंडो थाई को चुना है, जिसे मुंबई एयरपोर्ट पर भी लगाया गया है।
इसके साथ ही वकील ने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस हालिया आदेश का भी जिक्र किया जिसमें अदालत ने मुंबई एयरपोर्ट पर ग्राउंड और ब्रिज हैंडलिंग सेवाओं के लिए तुर्की की कंपनी सेलेबी को हटाने और नए ऑपरेटर की बोली को अंतिम रूप देने से 17 मई तक रोक लगा दी थी। यह रोक तब तक जारी रहेगी जब तक कोर्ट की नियमित बेंच गर्मी की छुट्टियों के बाद सुरक्षा मंजूरी रद्द करने को लेकर दायर याचिका पर फैसला नहीं सुनाती। इस संदर्भ में याचिकाकर्ता फिलहाल यह प्रार्थना कर रहे हैं कि प्रतिवादी कोई अंतिम निर्णय न लें।